Tuesday, December 22, 2009

गृहमंत्री के नकली पीए को पुलिस ने पकड़ा

सीहोर 20 दिसम्बर (अबतक) मैं गृहमंत्री कार्यालय भोपाल से बोल रहा हूं, पीए हूं, सुनो वो जो......मामला है, उसमें कार्यवाही होना चाहिये। कुछ इसी प्रकार का एक फोन आष्टा पुलिस को आया था। पुलिस ने छानबीन में इसफोन के नकली पीए की छानबीन कर डाली है।
आष्टा तहसील में पिछले दिनो एक ग्रामीण क्षेत्र में अतिक्रमण को लेकर विवाद हो गया था। इस मामले को लेकरपुलिस अपने स्तर पर कार्यवाही कर रही थी लेकिन अचानक भोपाल से गृहमंत्री कार्यालय से इस मामले कल जबफोन गया तो पुलिस सकते में गई। पुलिस ने पहले तो अचरज किया की आखिर मामले से जुड़े व्यक्ति नेभोपाल तक पहुँच कैसे लगा ली। फिर पुलिस ने जिस नम्बर से फोन आया था उसकी जांच शुरु की तो जिसनम्बर से फोन आया था उसकी छानबीन में पता चला कि उक्त व्यक्ति भोपाल गृहमंत्री का पीए नहींबल्कि एक अन्य व्यक्ति हरिओम परमार है जो भोपाल में ही रहता है और इसी ने जबरन नकली पीए बनकरपुलिस डराने का प्रयास किया था। पुलिस ने इसके खिलाफ धारा 189 507 में प्रकरण दर्ज कर लिया है।
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Monday, December 21, 2009

युवती के साथ छेड़छाड़ करने वाले इन्दौर के डाक्टर का मुँह काला किया

सीहोर 21 दिसम्बर (अबतक)। इलाज कराने आई युवती को देखते-देखते उसके साथ अभद्रता करने वाले एक चिकित्सक को आज उसकी बदनियती का अच्छा सबक जनता ने सिखा दिया जब डाक्टर ने अपनी मर्यादा तोड़ने का प्रयास किया तो जनता ने एकत्र होकर उसका मुँह काला कर दिया। आज इस घटना ने सीहोर का वर्षों पुराना इतिहास एक बार फिर दोहरा दिया है। पुलिस ने डाक्टर के खिलाफ धारा 354 के तहत मामला पंजीबध्द कर लिया है।
कहते हैं डाक्टर से कुछ छिपाना नहीं चाहिये, उसे अपनी सारी परेशानी बता देना चाहिये। कई बार ऐसी ही परेशानी बताने आने वाली महिलाओं और नवयुवतियों के साथ पुरुष डाक्टर बदनियती से पेश आने लगते हैं। कुछ ऐसा ही मामला आज जिला मुख्यालय की समीपस्थ तहसील आष्टा में घटित हुआ। यहाँ इन्दौर से हर सोमवार को आकर निजी स्तर पर चिकित्सा करने वाले एक डाक्टर जो आष्टा कन्नौद रोड पर अमन मेडिकल के पास बैठते हैं के साथ आज यही हुआ। यहाँ एक नवयुवती जिसकी उम्र 18 वर्ष है और जो सेमनरी रोड आष्टा में रहती है, अपनी चिकित्सा परामर्श के लिये इनके पास आई थी। लेकिन चिकित्सक ने उसकी जांच करने की बजाय युवती के साथ बदतमीजी करते हुए छेड़छाड़ कर दी। जिस पर युवती ने कड़ी आपत्ति लेते हुए यहीं इसका प्रतिकार किया और अपने परिजनों से शिकायत की। इसके बाद यहाँ जनता इस इन्दौरी चिकित्सक राजेन्द्र सोनी पुत्र बसंती लाल सोनी के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए इसका मुंह काला कर दिया। बाद में पुलिस ने भी इसके खिलाफ युवती की शिकायत पर धारा 354 के तहत कार्यवाही की है। मामला आष्टा में दोपहर 3 बजे आसपास घटित हुआ है।

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जिला पुलिस अधीक्षक ने अचानक निरीक्षण किया, पुलिस लिखकर चला रहे इंडिका वाहन को पकड़ा, 420 का मामला कायम

सीहोर 20 दिसम्बर (नि.सं.)। जिला पुलिस अधीक्षक ने आज अचानक दोराहा क्षेत्र की तरफ भ्रमण किया तो कई मामले उनके सामने आ गये। सड़क पर पुलिस लिखकर घूम रही एक इंडिका पर सीधे 420 की कार्यवाही भी उन्होने कराई। कल मुंगावली में हुए बलवे का घटनास्थल भी आज देखकर आये। आपके साथ अनुविभागीय अधिकारी पुलिस भी थे।

जिला पुलिस अधीक्षक की कार्यपध्दति से वाकई एक नया तरीका यहाँ देखने को मिल रहा है। पिछले दिनाें आप नसरुल्लागंज के लिये रवाना हुए थे और पता चला कि अचानक कोतवाली पहुँच गये और अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय जाकर आपने निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश देकर इसके बाद यहां से रवाना हुए।

इसी तारतम्य में आज भी अचानक पुलिस अधीक्षक श्री पाराशर दोराहा जोड़ की तरफ चल पड़े थे। यहाँ इन्होने रास्ते में एक टेम्पो-ट्रेक्स को देखा जिस पर ओवर लोडिंग हो रही थी। वाहन के बाहर तक लोग लटके हुए थे और वाहन तेज से गति से गंतव्य की और जा रहा था। इस पर श्री पाराशर ने निश्चित नाराजगी तो जाहिर की ही बल्कि वाहन को रुकवाकर उस पर ओवरलोड होने की कार्यवाही भी करवाई। आपके साथ अनुविभागीय अधिकारी शिवकुमार वर्मा भी थे। यहीं जब एक इंडिका वाहन पर पुलिस लिखा आपने देखा तो उससे भी पूछताछ की गई कि आखिर यह किस पुलिस अधिकारी का वाहन है ? इस पर इंडिका का चालक घबरा गया। जब उसके कागजात देखे तो पता चला कि वाहन तो टेक्सी परमिट पर चल रहा है लेकिन उसका नम्बर प्रायवेट है। इसके अलावा उसका किसी पुलिस से कोई संबंध नहीं होते हुए भी जबरन पुलिस लिखा हुआ है। इस पर 420 का मामला दर्ज कराया गया है।

ज्ञातव्य है कि कल अहमदपुर थाना अन्तर्गत आने वाले ग्राम मुंगावली में दो गुटों के बीच एक छोटी-सी बात को लेकर विवाद हो गया था और उसके बाद इनमें हुए संघर्ष में करीब 12 से अधिक लोग घायल हो गये थे जबकि इससे भी अधिक लोगों पर पुलिस ने दोनो पक्षों की और से कार्यवाही भी की है। आज पुलिस अधीक्षक श्री पाराशर ने इस मामले में भी विशेष रुचि रखते हुए छानबीन व पूछताछ की।
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Sunday, December 20, 2009

हमारी जमीन से सोना निकला है, आप आकर आधे दाम में ले लो

सीहोर 19 दिसम्बर (अबतक) भाई हम राजस्थान से बोल रहे हैं......हमारी जेसीबी मशीन है.....खेत पर चल रहीथी तो उसमें से खुदाई के समय सोने के सिक्के निकले हैं......लेकिन सोना निकलने के बाद अब उसका हम क्याकरे.....बाजार में ले गये तो पुलिस तो पता चल जायेगा.....किसी ने आपका नम्बर बताया है यदि आप हमसे सोनाखरीद लो तो हम आपको चुपचाप दे देंगे.....आप हमें रुपये दे देना.....
जी हाँ साहब यह बात है सीहोर जिले के उन अनेक लोगों की जिनके मोबाइल पर आजकल इस प्रकार के फोनआया करते हैं। मामला यह है कि पिछले करीब 6 माह से आये दिन सीहोर के किसी ना किसी व्यक्ति के फोन परअज्ञात नम्बर से फोन आता है और दूसरी तरफ से अज्ञात व्यक्ति उससे बातचीत करना शुरु कर देता है। अज्ञातव्यक्ति ना तो अपना नाम बताता है पता बताता है बस अपने पास खेत से निकले सोने की जानकारी अवश्य देताहै। ऐसे रहे अज्ञात फर्जी फोन काल में संबंधित फोन करने वाला बहुत ही होशियारी के साथ भोला-भालाबनकर बात करता है, और उसकी बातचीत का तरीका यह होता है कि जिससे फोन सुन रहे व्यक्ति को ऐसा लगाकि कहीं का भोला आदमी है, जिसके पास सोना निकल आया है तो वह पुलिस या सरकार से घबरा रहा है, इसलियेउसने मुझको फोन किया है। उसको लगता है कि यदि इसकी बात मान ली जाये तो निश्चित है कि आधे दाम परसोना मिल जायेगा।
इस तरह के फोन सुन चुके लोगों के अनुसार उनका कहना है कि जो व्यक्ति फोन करता है वह यह भी कहता है कियदि आप सोना आधे दाम पर भी ले लो तो हमें तो मजा जायेगा क्योंकि हम उसे कहाँ ले जाकर बेचेंगे, हमगरीब लोग हैं, सुनार भी कहेगा कि तुम्हारे पास इतना सोना कहाँ से आया। इसलिये हमारे पास तो सोना होते हुएभी हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं....आप ही इसे खरीद लो। लोगों के अनुसार उक्त फोन करने वालों से जब यह कहाजाता है कि भैया तुम हमारे पास आकर सोना बेच दो, तो वो बहाने बनाने लगते हैं, और सोना खरीदने के लियेउनके राजस्थान में ही आने को कहते हैं।
इन दिनो इस प्रकार के अनेक फोन सीहोर के लोगों को चुके हैं। हालांकि अभी तक ऐसी कोई जानकारी नहींमिली है कि कोई व्यक्ति इस प्रकार के किसी फोन के बहकावे में आकर सोना खरीदने के लिये चुपचाप चला गया होलेकिन जिस प्रकार से यह घटनाक्रम लगातार जारी है उससे लगता है कि यदि लोगों में जागरुकता नहीं आई तोनिश्चित कहीं कोई व्यक्ति उलझ भी सकता है।
राजस्थान से आने वाले ऐसे फोन के नम्बरों पर यदि पलटकर फोन लगाया जाता है तो फिर वह फोन लगता भीनहीं है। आज ही सीहोर के एक युवक को 9982887337 नम्बर से एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन किया था जिसमेंउसने कहा था कि उसके पास सोने के सिक्के हैं और वह बेचना चाहता है लेकिन जब इस नम्बर पर वापस सम्पर्ककरना चाहा तो यह फोन नहीं लग सका।
इस संबंध में अभी तक किसी भी व्यक्ति पुलिस को सूचना नहीं दी है। इसलिये स्थानीय पुलिस हरकत में भी नहीं सकी है।

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Wednesday, December 16, 2009

डेढ़ करोड़ की सनसनीखेज ठगी हुई, कई किसानों की फसल ले उड़े 3 ठग, 500 रुपये अधिक के भाव खरीदते थे फसल

पुलिस को अभी तक नहीं मालूम, किसान लुटने के बाद हाथ पर हाथ धरे बैठे, स्थानीय नेता व जनप्रतिनिधि 1 माह बाद भी कुंभकरण बने हुए

सीहोर 14 दिसम्बर (अबतक)। ऊंचे दाम पर फसल खरीदने का लालच देकर करीब डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक की सोयाबीन की फसल लेकर 3 ठग चम्पत हो गये हैं। इतना सोयाबीन ठगने के लिये चोरों ने 4-5 गांव के किसानों को पहले अपने झांसे में फंसाया और फिर वो फसल ले उड़े। 1 महिने पूर्व सारा बोरिया-बिस्तर बांधकर भागे ठगों से ठगाये किसान इतने अधिक दुखी और पीड़ित हैं कि अभी तक वो अपने ठगा जाने की बात पुलिस को भी नहीं बता पाये हैं। ना तो शासन तक यह खबर पहुँच पाई है कि आखिर उसके जिले के किसानों को कौन ठग ले गया और ना ही क्षेत्र के विधायक या जनप्रतिनिधियों, ग्राम पंचायत सदस्यों को ही इस महत्वपूर्ण घटना के संबंध में कोई जानकारी है अथवा है भी तो यह लोग आखिर अब तक मौन क्यों है ? उधर बिडम्वना यह है कि किसान आज भी यह आस लगाये बैठे हैं कि आज नहीं तो कल वो व्यापारी जरुर आयेगा और उन्हे उनका रुपया चुका देगा....।

यहां हम जिस सनसनीखेज ठगी की बात कर रहे हैं वह डेढ़ करोड़ रुपये से भी अधिक की है। इतनी बड़ी राशि की ठगी किसी एक व्यापारी या किसान के साथ नहीं हुई है बल्कि 4-5 गांव के कई बड़े-बड़े किसानों के साथ यह ठगी का मामला हुआ है। इन किसानों से पिछले कुछ समय से अपना व्यवहार बनाकर उनका सोयाबीन सीधे 500 रुपये तक अधिक भाव में खरीदने वाले ठगों ने यह कारनामा कर दिखाया है। ठग एक ही परिवार के हैं और यह तीन ठग थे, तीनों भाई हैं, जिन्होने कई किसानों को ऊंचे दाम पर सोयाबीन खरीदकर अपने झांसे में लेना शुरु कर दिया था।

घटना का तारतम्य जिले के आष्टा तहसील के खाचरौद थाना अन्तर्गत शुरु होता है जहाँ के ग्राम नीलबड़ सहित ग्राम सामरी, उमरधड़, पगारिया हाट, खजूरिया, कन्नौद मिर्जी, लाखिया, बांदरिया आदि ग्रामों में इन ठगाें ने अपना कमाल दिखाया है। यहां पिछले कुछ समय से व्यापारी बनकर रह रहे एक ही परिवार तीन भाईयों ने यह कारनामा किया है। इन लोगों ने आसपास के सभी ग्रामों के किसानों से अपना व्यवहार बनाया। फिर उनका सोयाबीन बाजार से करीब 500 रुपये अधिक में खरीदा। किसानों को उसका दाम भी नगद दिया। कुछ किसानों को रुपये भी उधार दिये, और इस प्रकार धीरे-धीरे व्यवहार बनाते रहे। अब इस वर्ष की सोयाबीन फसल तक जब यह क्षेत्र के एक बड़े व्यापारी के रुप में पहचान बना चुके थे और पुराने व्यापारी के रुप में स्थापित थे तब इन्होने सभी ग्रामीणों से कहा कि हम तुम्हारा सोयाबीन 500 रुपये अधिक में खरीद रहे हैं लेकिन बाहर ले जाकर बेचने के बाद ही रुपया तुम्हे दिया जा सकता है। किसान तो इन पर विश्वास करता ही था। सारे ग्रामीणों ने अपना अनाज इन्हे देना शुरु कर दिया और यह अनाज ढोकर दूर ले जाकर बेचते रहे। जब सोयाबीन का पूरा मौसम समाप्त हो गया तब इन ठग व्यापारियों ने अपना पूरा सामान बोरिया-बिस्तर बांधकर यहाँ से गायब हो गये हैं। करीब 1 महिने से अधिक समय हो चुका है लेकिन अभी तक इनका अता-पता नहीं है।

सुविज्ञ सूत्रों का कहना है कि करीब डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक का अनाज लेकर गये सिध्दिकगंज थाने के नीलबड़ ग्राम के यह व्यापारी अभी तक गायब हैं। और इनका कहीं अता पता नहीं चल पा रहा है। सारी खोज-बीन बेकार साबित हो रही है।

वो बैंक से उठाया वाहन भी दूसरे के सिर मांड गये

इन व्यापारियों की चालाकी देखिये कि इन्होने एक बैंक से ऋण लेकर बकायदा एक माल वाहक वाहन खरीदा था। अब जब इन्हे क्षेत्र छोड़कर भागना था तो इन्होने यह वाहन अपने ही एक परिचित ग्रामीण को रखने के लिये दे दिया। वो समझा कि वाहन उसको मिल गया है। जबकि उधर इन्ही व्यापारियों ने बैंक को सूचना दे दी कि वाहन फलानी जगह रखा हुआ है उसे जप्त कर लीजिये।

क्यों नहीं कर रहे किसान शिकायत ? उन्हे शर्म आती है ?

असल में फुरसत ने जब क्षेत्र के किसानों से लगातार बातचीत की तब यह रहस्योद्धाटन हुआ कि जो व्यापारी उनका माल लेकर रफूचक्कर हो गया है उसके खिलाफ वह महज इसलिये शिकायत नहीं कर रहे क्योंकि उन्हे विश्वास है कि वह आज नहीं तो कल वापस आयेगा और उन्हे रुपया देगा। हर एक किसान का लाख रुपये से यादा अटका हुआ है उन्हे डर है की कहीं शिकायत कर दी तो उनके पास ना तो कोई शिकायत के पुख्ता कागजात हैं और ना ही सबूत। ऐसे में यदि उक्त व्यापारी ने बाद में शिकायत से नाराज होकर यह कह दिया अब तुम्हारा रुपया वापस नहीं देंगे तो वह क्या कर लेगा?

आखिर किसने डराया ठगाये किसानों को ?

यहाँ 4-5 ग्रामों के बड़े-बड़े किसानों को आखिर किस बात का डर है कि जो वह अब तक पुलिस के सामने नहीं आये हैं। सूत्रों का कहना है कि इन किसानों को उक्त व्यापारियों के रिश्तेदारों से भी बातचीत की है। जिससे उन्हे यह विश्वास जमा हुआ है कि आज नहीं तो कल उक्त ठग व्यापारी अवश्य आयेंगे, और जब वह आयेंगे तब यदि उन्होने शिकायत करने के कारण नाराज होकर रुपया देने से मना कर दिया तो किसानों को नुकसान होगा। दूसरी और पुलिस से शिकायत करने पर मामला और उलझ ना जाये इसलिये किसान इसी में खैर मना रहे हैं कि चुप रहो और इंतजार करो। किसान अपने स्तर पर महिने भर से इन व्यापारियों को खोजने में भी लगे हुए हैं लेकिन अभी तक उन्हे यह नहीं मिल सके हैं।

जिला पुलिस अधीक्षक ने कहा?

जिला पुलिस अधीक्षक श्री पाराशर को जब फुरसत ने उक्त ठगी के संबंध में जानकारी दी तब उन्होने कहा कि यह घटना जिस प्रकार से घटित होना आप बता रहे हैं वह वाकई दुखद है, लेकिन जब तक किसान स्वयं आगे आकर शिकायत नहीं करेंगे तब तक पुलिस इस मामले में क्या कर सकती है? फिर भी हम प्रयास करेंगे की मामला किसी तरह सुलझे।

अनुविभागीय अधिकारी ने कहा कि हम कुछ नहीं कर सकते ?

अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रवि शंकर पटेल आष्टा को जब उक्त संबंध में जानकारी दी गई तो उन्होने कहा कि ना तो हमारे पास ऐसी कोई जानकारी आई है और ना ही किसी ने शिकायत की है। उन्होने कहा कि यदि कोई शिकायत कर भी देता तो भी हम कुछ नहीं कर सकते, यह हमारे अधिकार क्षेत्र की बात नहीं है, इसमें पुलिस को ही कुछ करना चाहिये।


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Tuesday, December 15, 2009

दिनदहाड़े ग्रामीण से 12 हजार की लूट, एक युवक से 2 हजार छीनकर ले भागे आरोपी

सीहोर 15 दिसम्बर (अबतक)। दिन दहाड़े एक ग्रामीण से 4 मोटर साईकिल चालक आरोपी 12 हजार रुपये छीनकर ले भागे। जबकि मण्डी क्षेत्र में रुपये गिन रहे एक युवक के हाथ से दो मोटर साईकिल चालक ने 2000 रुपये छीनकर भाग निकले। पुलिस दोनो ही घटनाओं की बारीकी से छानबीन करने में जुटी हुई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार कचनारिया से आया एक ग्रामीण आज सीहोर में शकर कारखाना चौराहा के पास बैठा था। इसके पास 12 हजार रुपये थे, आज यह रुपये सामान खरीदने के लिये अपने पास रखे हुए था। इतने में ही दो मोटर साईकिल पर सवार 4 युवक इसके पास आये और अचानक इससे 12 हजार रुपये छीन कर यह अपने वाहन पर बैठकर बहुत तेजी से फरार हो गये। यह घटना दोपहर करीब 2 बजे की है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। ग्रामीण ने पुलिस को शिकायत भी दर्ज करा दी है।

इसके साथ ही करीब 1 घंटे फिर इसी प्रकार की एक और घटना मण्डी में माता मंदिर चौराहे पास घटी जहाँ एक लाल रंग की टीशर्ट पहने 18-20 वर्ष का युवक के हाथ में 2 हजार रुपये थे। इसके पास एक मोटर साईकिल चालक आये जिस पर 2 लोग बैठे थे। पीछे वाले ने झपट्टा मारकर इससे रुपये छीने और तेजी से मोटर साईकिल भगा दी लेकिन उपरोक्त युवक ने मोटर साईकिल पर छलांग लगाई और उसका पीछे का हिस्सा पकड़ लिया, मोटर साईकिल वाले ने तेजी से वाहन चलाया जिस पर युवक भी मोटर साईकिल पकड़े हुए करीब 500 मीटर दूर तक भागता रहा।

आसपास के लोगों ने जब यह माजरा देखा तो उन्हे लगा कि यह ग्रामीण युवकों की मस्ती हो रही है। मोटर साईकिल पकड़े युवक पैदल भागते हुए अपनी चप्पल तक सड़क पर उतार चुका था। लेकिन अंतत: आरोपी मोटर साईकिल सहित भाग निकले और युवक थक हार कर रह गया। जब लोगों ने इससे पूछा कि भैया क्या हो गया था तब इसने बताया कि मेरे हाथ से 2 हजार रुपये छीनकर ले गये। इस मामले की भी पुलिस अपने स्तर पर छानबीन कर रही है।
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