आष्टा 28 सितम्बर (नि.प्र.)। राजनीति में कब क्या हो जाये नहीं कहा जा सकता राजनीति एक ऐसे ऊंट की तरह होती है जिसके बारे में कहा जा सकता है कि यह ऊंट (राजनीति)किस करवट बैठेगा। सभी जानते है ओर देखा भी है की अभी तक जिला कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश परमार के वाहन की आगे का स्थान श्री परमार और उनके सारथी प्रदीप प्रगति के लिए ही रहा है लेकिन इन दिनों चुनावी रणनीति का सीजन चल रहा है आज जिसने भी दोपहर में जिला कांग्रेस अध्यक्ष के वाहन को कन्नौद रोड पर जाते देखा उनके वाहन में सारथी के रूप में प्रदीप प्रगति के स्थान पर आष्टा से टिकिट के दावेदार इंजीनियर गोपाल सिंह सारथी की भूमिका में नजर आये।
इंजीनियर गोपाल सिंह अच्छी तरह जानते है कि परमार का सारथी बने वे विधानसभा के वाहन पर सवार नहीं हो सकते है ऐसा नहीं है लेकिन अन्य को कभी परमार का सारथी बनते नहीं देखा गया है निश्चित इसमें भी कोइ गहरा राज छुपा हे नहीं तो कोई यू ही परमार का सारथी नहीं बन सकता जिसका कांग्रेस अध्यक्ष के वाहन में आगे श्री परमार के साथ प्रगति का अगर कोई स्थान ले तो यह चुनाव में राजनीतिक हल चल जरूर पैदा करता है और आज सारथी के रूप में गोपाल सिंह इंजीनियर को देखकर नगर में तरह-तरह की राजनीतिक हलचल शुरु हो गई है........