Thursday, February 28, 2008

प्रशासन कान में अंगुली डालकर सो गया

सीहोर 27 फरवरी (फुरसत)। मार्च के प्रथम सप्ताह से 10 वीं-12 वीं बोर्ड की परीक्षाएं प्रारंभ हो रही हैं इसके अतिरिक्त स्कूलों की अन्य कक्षाओं की परीक्षाएं भी लगभग इसी समय प्रारंभ हो रही है। इन दिनों स्कूलों में वार्षिक परीक्षाओं की तैयारियाँ जोर-शोर से चल रही हैं। छात्र-छात्राओं के अध्ययन में कोई रुकावट न हो इसके लिये जिला प्रशासन ने पूर्व में ही शोर शराबे और ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। प्रशासन के प्रतिबंध का बैण्ड बाजे वालों और डी.जे.साउण्ड वालों पर इसका कोई असर दिखाई नहीं देता है। विवाह समारोह में ध्वनि विस्तारक यंत्रों की तेज आवाज के साथ बैण्ड बाजे और डी.जे.साउण्ड का धड़ल्ले से प्रयोग हो रहा है। लाउडस्पीकर और ढोल-ढमाकों की कान फोड़ू आवाज से जहाँ आमजन परेशान है वहीं अध्ययनरत विद्यार्थियों के अध्ययन में भी बाधा पहुँचा रही है। एक ही स्थान पर घंटो बजने वाले ढोल बाजों की आवाज खुले आम जिला प्रशासन के निर्देशों की अवहेलना करने पर उतारु हैं लेकिन प्रतिबंध के बाद लगता है प्रशासन कान में उंगली डाल कर सो गया है।