Sunday, January 6, 2008

सिपाही की ईमानदारी

सीहोर 4 जनवरी (फुरसत)। गत दिवस जिला सहकारी केन्द्रीय बैक में वरिष्ठ आरक्षक भेरूसिंह नं. 194 जब अपने खाते से पैसा निकालने पहुंचे तो उन्हें बैक के दरवाजे पर ही 20-20 रूपये के दस नोट पडे मिले जो उन्होंने उठाकर वहां खड़े लोगो से पूछा की क्या यह रूपये उनके है ।
जब किसी ने उन नोटो पर अपनी दावेदारी नही कि तो उन्होंने वे समस्त रूपये जो लगभग 200 होंगे बैक मेनेजर के पास इस अपेक्षा के साथ की यह जिसके हो उन्हे लौटा दे जमा करा दिए । पुलिस आरक्षक की ईमानदारी की बैंक कर्मियों और वहां उपस्थित बैंक ग्राहकों ने भूरी-भूरी प्रशंसा की । आरक्षक ने कहा कि बैंक में जिस किसी भी व्यक्ति के रुपये गिरे हों वो बैंक मेनेजर से मिलकर वह प्राप्त कर सकता है।