सीहोर 4 जनवरी (फुरसत)। कृषि विभाग ने किसानों को सामयिक सलाह देते हुए चना फसल को इल्लियों से बचाने के उपाय बताये गये हैं। उप संचालक कृषि एन.एस.रघु ने किसानों से अपील की है कि वे विभाग द्वारा बताये जा रहे उपायों को अपनाकर अपनी चना फसल को इल्लियों से बचाएं जिससे फसल का पूरा उत्पादन प्राप्त किया जा सके।
खेत में टी आकार की खूंटिया गाडें- कृषि विभाग द्वारा किसानों से कहा गया है कि वे चना फसल में फल आने से पहले ही खेत में करीब दो फीट लम्बी दो तीन शाखाआें वाली टी के आकार की लकड़ियां 40 से 50 खूंटी प्रति हेक्टेयर के मान से गाड़ दें। विभाग का कहना है कि ऐसा करने पर पक्षियों को खेत में बैठने की सुविधा मिलेगी और वे इल्लियों को खा जायेंगे। दाने भर जाने पर खूटियां हटाई जा सकती हैं।
नीम के बीजों का सत- किसानों को सलाह दी गई है कि चना फसल में पचास फीसदी फूल आ जाने की दशा में यदि प्रति मीटर दो या दो से अधिक इल्ली दिखाईदें तो पहला छिड़काव नीम बीजों के सत का किया जाना चाहिऐ। इस विधि में 25 कलिो निबोली प्रति हेक्टेयर लगेगी।
नीम बीज का विकल्प- नीम बीज उपलब्ध नहीं होने पर एनपीबी विषाणु की 250 इल्ली समतुल्य या बेसिलस थुरिन्जियेन्सिस का एक किलो प्रति हेक्टेयर के मान से छिड़काव किया जा सकता है।
छोटी इल्ली को मारना - चना फसल में छोटी इल्लियों को नष्ट करने के लिये चूर्ण या पावडर के रुप में मिलने वाली कीट नाशी मिथाइल पेराथियान दो प्रतिशत या क्वानीलफास 1.5 प्रतिशत या क्लोरपायरीफास 1.5 प्रतिशत चूर्ण 20 से 25 किलो प्रति हेक्टेयर भुकरवा किया जाये। कृषि विभाग ने ताकीद की है कि नंगे हाथों या पोटली से भुरकाव नहीं करना चाहिऐ।
अन्य कीटनाशी- चना फसल की छोटी या मध्यम आकार की इल्ली से बचाने के लिये इण्डोसल्फान 35 ईसी या क्वीनालफास 25 ईसी एक लीटर या लेम्बड़ा साहेलोर्थिन का 500 मिली या बीटासायफलथ्रिन का 750 मिली प्रति हेक्टेयर के मान से छिड़काव कारगार है।
बड़ी इल्ली से बचाव - चना फसल को बड़ी इल्लियों से बचाने के लिये इण्डाक्साकार्व 14.5 एसएल का 500 मिली. या एमामेक्टिन बेजोएट 5 एसजी का 225 ग्राम प्रति हेक्टेयर के मान से छिड़काव करना चाहिऐ।