सीहोर 30 दिसम्बर (नि.सं.)। मांसाहारी जानवर कब्र बिजू क्या किसी का भला भी कर सकता है यह सोचना ही बेमानी है लेकिन यहाँ नगर पालिका के एक भोले-भाले कर्मचारी का इसने बड़ा भला कर दिया है और यह कर्मचारी कब्र बिजुओं के कारण बड़े लाभ में आ गया है।
हुआ यह कि नगर पालिका द्वारा अपने कर्मचारियों के लिये कुछ क्वाटर दिये जाते हैं। ऐसे ही कुछ मकान यहाँ कलेक्ट्रेट के पास बाल विहार मैदान के सामने वाले मार्ग पर स्थित हैं। इन सारे ही मकानों के पीछे की जगह काफी गंदगी रहती है और यहाँ काफी जगह भी है। इसी जगह क ा और झाड़ियों का लाभ उठाकर कब्र बिजुओं ने इस क्षेत्र को अपना बड़ा ठिकाना बना रखा है। यूँ तो पूरे छावनी क्षेत्र में ही कब्र बिजुओं की तादात बहुत बड़ी मात्रा में बढ़ चुकी है और लगभग हर दूसरे घर की छत पर अथवा किसी भी सुनसान जगह पर कब्र बिजुओं ने अपने घर बना लिये हैं। रात अंधेरा होते ही यह जानवर अपने बिलों से बाहर निकल आते हैं और फिर अपने शिकार को खोजते हैं। आक्रामक शैली का यह जानवर सामान्यत: मांसाहारी है और दूसरे जानवरों को अपना शिकार बनाता है।
यहाँ नगर पालिका में एक कर्मचारी हैं दाऊ। दाऊ बड़े सीधे सरल स्वभाव के हैं हालांकि इनके पास काम बड़ा टेढ़ा सौंपा गया है लेकिन यह किसी तरह उससे निपट लेते हैं। इन्हे पिछले दिनों एक नगर पालिका क्वाटर आवंटित किया गया था यह उसमें रहते उसके पहले ही एक अन्य अधिकारी ने कुछ अपने पद का लाभ उठाते हुए यहाँ जबरिया घुसपैठ बना ली। यह जिससे इनका हक मारा गया।
खैर जो भी हो वो अधिकारी यहाँ घुस तो गया लेकिन इसका परिवार बहुत छोटा-सा है। बच्चे नन्हे मुन्ने हैं, जब रात के समय हुआ तो एक-दो घर के पीछे कुछ उछल-कूद की आवाज आई यह समझ नहीं पाया कि इतनी रात को बंदर हैं या बिल्ली । बाद में इसे पता चला कि यह तो कबर बिजू हैं और यह खतरनाक भी हैं, इनसे बचना भी मुश्किल है। जब इसे अन्य लोगों ने नेक सलाह दी कि भैया घर में छोटे बच्चे हैं, तुम घर में नहीं हुए उस समय कोई अनहोनी हो गई तो क्या होगा ? तब इनके समझ आई कि घटना बड़ी हो सकती है। तब उन्होने घबराहट में वापस यह मकान खाली किया।
इस प्रकार कबर बिजुओं के कारण नगर पालिका के कर्मचारी दाऊ को उनके लिये आवंटित मकान वापस मिल गया।