Wednesday, December 31, 2008

मोहर्रम का चांद देखकर चौकी धोने की रस्म अदा की गई

      सीहोर 30 दिसम्बर (नि.सं.)। हजरत इमाम हसन हुसैन की शाहदत्त की याद में बनाये जाने वाला मोहर्रम का त्यौहार मोहर्रम के माह का चांद देखने से शुरू हो जाता है।

      यह त्यौहार लगातार 10 दिनों तक अल्हा की इबाजद कर व गरीब मोहताजों की मदद कर व रोजे रखकर मनाया जाता है वही कुछ लोग ताजिया बनाकर अपने प्यारे रसूल के नवासे की शाहदत्त को याद करते है इसी क्रम में हमारे सीहोर शहर के मुस्लिम धर्म बंधुओं द्वारा चांद देखकर चौकी धुलाई की रसम बड़ी धूमधाम से जनाब जहीर भाई उर्फ भैया भाई हरमाल वाले के जनीब से चौकी धुलाई की रसम पुरी की गई।

      जहीर भाई द्वारा डीजे की धूम के साथ एक जुलूस कसेरे वाले कुआं कस्बे से शुरू कर करबला तक जुलूस को ले जाया गया। इस अवसर पर कस्बे क्षेत्र के सभी ताजियें बनाने वाले बड़े आकिदत से इसमें शरिक हुये।

      इसमें प्रमुख रूप से मुन्ने भाई साईकिल वाले, रिजवान पठान, मंजूर भाई, सलीम बाबा, अन्नु भाई, छोटे भाई, इमरान आटो, मुनव्वर मामू, अजहर मियां, रफीक शर्मा, मो. शाहिद, अनवर भाई, नौशे भाई टेलर, असलम हरमाल, इरफान पचोर, नईम खां, अजहर खां सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे। इस अवसर पर इन लोगों ने अपनी-अपनी चौकियों को शरिक किया, उनमें प्रमुख रूप से एलाने मोहम्मद इमामबाड़ा, मुन्ना भाई साईकिल वाले, मंशाराम, इस्लामी चौकी, छोटे पहलवान, अबरार मियां गोहापुरा, जमशेद अली जलालीपुरा, खटिक साहब कलारपुरा, चुम्मु भाई मेवातीपुरा, अंसार सिलावट जमशेद नगर, रामचन्दर बाबा निजामत रोड़ सहित अनेक लोगों की चौकियों शरिक थे।