सीहोर 26 दिसंबर (नि.सं.)। कृषि विभाग द्वारा फसल को इल्लियों से बचाने के उपाय बताए गए हैं। इसके अलावा विभाग द्वारा प्रत्येक विकास खंड को छ: छ: सौ लीटर कीटनाशक दवा टाइजोफार मुहैया कराई गई है। दवा पर पांच सौ रूपये प्रति हैक्टेयर के मान से अनुदान दिया गया है।
कृषि विभाग ने चना, मूंग, उडद, मिर्च, टमाटर आदि फसलों को इल्लियों द्वारा पहुंचाई जाने वाली हानि से बचाव के उपाय बताए हैं। साथ ही छ: छ: सौ लीटर कीटनाशक दवा ट्राइजोफास हर विकास खंड को मुहैया कराई है जिस पर पांच सौ रूपये प्रति हैक्टेयर अनुदान दिया जा रहा है। यह कीटनाशी दवा एस.ए.डी. ओ.के कार्यालय में उपलब्ध है।
जैविक तरीके से कीट नियंत्रण
उप संचालक कृषि एन.एस.रघु ने फसलों को इल्ली से बचाने के जैविक उपाय बताए हैं। उन्होंने बताया है कि खेत में अंग्रेजी के अक्षर टी के आकार की लकड़ियां 10 - 12 स्थानों पर प्रति एक ड़ गाढ़ देने से इन लकड़ियों पर पक्षी बैठेंगे और इल्लियों को चुन कर नष्ट करेंगे। प्रारंभिक अवस्था की इल्लियों को 0.03 प्रतिशत नीम तेल ढाई लीटर की मात्रा प्रति हेक्टर की मान से छिड़काव कर नष्ट किया जा सकता है।
किसानों के अनुभव और कारगर नुस्खे
खेती किसानी में किसानों के अनुभवों के आधार पर कुछ आजमाइश किए गए नुस्खों का उपयोग करने से भी कीटों के नियंत्रण में कारगर लाभ मिला है। आजमाए नुस्खों में गोमूत्र को बाटल या बड़े कांच के बर्तन में भरकर धूप में रख दे। जितना अधिक दिन पुराना गोमूत्र रहेगा, उतना अधिक कारगर होगा। डेढ़ सौ से दो सौ मिलीलीटर गौमूत्र 15 लीटर स्प्रे पंप में मिलाकर 10-12 पंप स्प्रे प्रति एकड करने से यह सभी प्रकार के कीटों को नियंत्रित करता है। पन्द्रह से बीस किलो नीम पत्तियां कोमल डालियों सहित 200 लीटर पानी में भिगोकर छांव में रखें तथा पानी पीला होने तक गलने दे। इसे नीम पत्ती का काढा कहते है। जिसे छानकर एक एकड क्षेत्र में स्प्रे किया जाना फायदेमंद होता है। नीम पत्तियों के स्थान पर करंज (संजी) आयपोमया (बेशरम), सीताफल, आंकडा (अकऊआ) की पत्तियों का भी उपयोग किया जा सकता है।
आधा किलो लहसून और आधा किलो हरी मिर्च बारीक पीसकर पानी में घोल बनाकर उसे छानकर 200 लीटर पानी में मिलाकर इसमें 100 ग्राम साबुन पावडर (टिरजेन्ट पावडर) मिलाने के बाद उसे एक एकड फसल पर छिडकाव करें, इससे सभी प्रकार के कीट नियंत्रित होंगे। किसान भाई आधा किलो तम्बाकू सूखी पत्ती 2-3 लीटर पानी में उबालकर काढा बना ले। काढे को छानकर एक स्प्रे पम्प की टंकी में लगभग 30 मिलीलीटर काढा मिलाकर स्प्रे करने पर सभी कीटों को नियंत्रित किया जा सकता है। यह सभी कीटों को नियंत्रित करेगा।