सीहोर 21नवम्बर (नि.सं.)। भाजपा में लम्बे समय से एक धड़ा शांत और दुखी बैठा था। जो था तो भाजपा में ही लेकिन अक्सर वर्तमान विधायक रमेश सक्सेना के गुट से वह अपनी दूरी बनाये रखना चाहता था। ऐसे अनेक भाजपा नेता थे जो सक्सेना से समानान्तर दूरी बनाये रखना चाहते थे। लेकिन इन्हे उनके तोड़ के रुप में कोई और नजर नहीं आ रहा था। इसलिये ही त्यागी गुट और महाजन गुट को आये दिन हवा भर-भरकर किसी तरह साधे रखा जाता था और उनकी हवा जब कभी कम हो जाती थी तो उन्हे कोई प्रांतीय पद आदि दिलवाकर फिर खुशियाँ मना ली जाती थी लेकिन इस सक्सेना विरोधी गुट को लम्बे समय से किसी दमदार व्यक्तित्व की तलाश थी।
बीच में कुछ ऐसे ही प्रभावित भाजपाईयों ने बहुत प्रयास करके कांग्रेस के दमदार नेता जसपाल अरोरा को किसी तरह भाजपा में शामिल करने का प्रयास किया था और उन्हे सांसद कैलाश जोशी की ग्रामीण सभाओं में लेकर भी गये थे। जोशी के माध्यम से जसपाल की भाजपा में आने की अटकलें भी शुरु हो गई थीं और इस भाजपा गुट में खुशियाँ भी मन रही थी लेकिन उस समय भी अचानक सक्सेना गुट के विरोध कर दिये जाने के कारण जसपाल का प्रवेश नहीं हो सका था।
अब अचानक जसपाल अरोरा की विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा में हुई सदस्यता ने जसपाल समर्थक भाजपाईयों की खुशी दुगनी कर दी है, और दुखी-पीड़ित भाजपाईयों में एक नई जान आ गई है। ऐसे भाजपाईयों की एक कमरा बैठक भी पिछले दिनों सम्पन्न हुई। वह अरोरा से मिलने भी पहुँचे और बधाई भी दी। साथ ही अब अरोरा के साथ लगातार सतत सक्रिय रहने की योजना बना ली गई हैं।
भाजपा के अरोरा गुट की सक्रियता के कारण कुछ पुराने भाजपाईयों के चेहरे पर तनाव अवश्य आ गया है साथ ही सक्सेना समर्थकों की भी कुछ चिंता बड़ी है लेकिन अभी चुनाव की व्यस्तता है और किसी के कुछ समझ नहीं आ रहा है।