सीहोर 19 सितम्बर (नि.सं.)सत्र न्यायाधीश ए.एच.एस. पटेल द्वारा थाना इछावर के अपराध क्रमांक 293 07 के आधार पर बने सत्र परीक्षण क्रमांक-1908 में मृतका सीमाबाई को प्रताड़ित करने एवं उसे आत्महत्या के लिये प्रेरित करने वाले पति गजराजसिंह पुत्र लाड़सिंह, ससुर लाडसिंह, पुत्र खुमान वं सास-सौरम बाई पत्नि गजराजसिंह पुत्र लाड़सिंह को दोशी पाकर धारा-306 भा.द.वि. के तहत 5-5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5000- रुपये प्रत्येक अर्थदंड से दंडित किया। धारा 498 ए भा.द.वि. के तहत 2-2 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000-रुपये अर्थदंड अधिरोपित किया गया।
लोक अभियोजक ओ.पी. मिश्रा के अनुसार ग्राम बरखेड़ा कुर्मी निवासी लीलाधर पालीवाल द्वारा दी गई। दिनांक 10.12.07 की सूचना आधार पर मृतक सीमाबाई की आकस्मि मृत्यु के सम्बंध में मर्ग क्रमांक 397 दर्ज किया व जांच पश्चात मूल अपराध क्रमांक 29307 पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया व विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया उपस्थित होकर के माननीय सत्र न्यायालय को विचारण हेतु प्राप्त हुआ।
अभियोजन की ओर से कुल 13 साक्षीगण तथा बचाव पक्ष ने 5 गवाहों के कथन कराये गये साक्ष्य में यह तथ्य प्रकट हुआ कि मृतका सीमाबाई का विवाह 6 फरवरी 2003 को गजराजसिंह आरोपी के साथ हुआ था जिसके देढ़ साल बाद मोटर साइकिल की मांग करने पर सीमाबाई के पिता ने 24 हजार रुपये नगद दामाद आरोपी गजराज को दिये थे। फिर धंधा करने के लिये 2 लाख रुपये की मांग की गई। उक्त अवैध मांग पूरी न होने पर सीमाबाई के साथ क्रूरतापूर्ण व अमानवीय व्यवहार किये जाने लगा जिससे परेशान होकर सीमाबाई ने फांसी लगाकर के आत्महत्या कर ली।
विद्वान न्यायाधीश ए.एच.एस. पटेल ने अपने 22 पृष्ठीय निर्णय में आरोपीगण के उक्त कृत्य को दृष्टिगत रखते हुये बचाव पक्ष की प्रार्थना अस्वीकार करते हुये आरोपीगण को क्रमश: 5-5 व 2-2 साल के सश्रम कारावास एवम रुपये 7 हजार प्रत्येक आरोपी को अर्थदंड का फैसला सुनाया।
अर्थदंड राशि जमा होने पर उसमें से 15 हजार रुपये मृतका के पिता को प्रतिकर दिलाये जाने का आदेश दिया गया। म.प्र. शासनअभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी ओमप्रकाश मिश्रा लोक अभियोजक ने की। अभियुक्त राजेश व मनोहर को साक्ष्य अभाव में बरी किया गया। अभियुक्तगण को सजा भुगतने के लिये सजा वारंट तैयार कर जेल सीहोर भेजा गया।