सीहोर 19 अगस्त (नि.सं.)। पशु चिकित्सा एवं पशु पालन विभाग के विशेषज्ञों एवं वेट पेरावेट और त्वरित कार्यवाही दल के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वर्ड फ्ल्यू नामक बीमारी से बचने की तरीके सिखाने के लिये न्यू क्रिसेंट रिसोर्ट में प्रशिक्षण चल रहा है। पौने दो लाख रुपये के भारी-भरकम बजट का उपयोग रिसोर्ट में किया जा रहा है जिससे यहाँ पशु चिकित्सा विभाग में रुपये के इस खर्च को लेकर आपसी मतभेद उभर आये हैं।
वर्ड फ्लू बीमारी जो चीन में सर्वाधिक फैली थी उसके बाद भारत में कुछ प्रांतों व नगरों में यह गत वर्ष सामने आई थी। इस बीमारी की रोकथाम के लिये शासन ने अपने स्तर पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया है। जिसके तहत सीहोर जिले में भी 3 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ हुआ है। जिसमें करीब 100 पशु चिकित्सकों को सम्मिलित किया गया है। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि जब किसी प्रशिक्षण के लिये नगर की देश भर में प्रतिष्ठित होटल क्रिसेंट रिसोर्ट को चुना गया है। इसके पूर्व इस विभाग ने आवश्यकता पढ़ने पर या तो कृषि महाविद्यालय या फिर डाईट जैसी संस्था का भी उपयोग किया है लेकिन इस बार रुपया पानी की तरह बहाया जा रहा है।
असल में 19 अगस्त से लेकर 22 तक यह प्रशिक्षण चलना है जिसके लिये सूत्रों के अनुसार पौने दो लाख रुपये करीब 1.70 लाख रुपये आये हैं। जिसमें कलेक्टर द्वारा अनुमोदित 70 वेट एवं पेरावेट्स अर्थात चिकित्सकों का प्रशिक्षण होगा। इसके अलावा कुछ अन्य सदस्यों को भी जोड़ा गया है।
कुछ अन्य विभाग से भी प्रशिक्षण के लिये आये हैं। जबकि पशु चिकित्सा विभाग के ही कुछ चिकित्सकों व कर्मियों को इससे दूर रखा गया है। जिसको लेकर अंदर ही अंदर विभाग में मतभेद उभर आये हैं। अब मुर्गियों के बर्ड फ्लू के लिये यदि प्रशिक्षणार्थियों को क्रिसेंट रिसोर्ट का मजा उठाने को मिल रहा है तो इसमें हमें क्या ? लेकिन बात शासन के रुपयों की है। क्या उसका सही उपयोग हो रहा है अथवा जबरन खर्च कर लम्बे बिल बनाये जायेंगे यह जांच का विषय है।
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