Saturday, August 9, 2008

रघुनाथ जी के ग्राम में केसरी जी की दस्तक चर्चा का विषय बनी

आष्टा। इन दिनों भाजपा से टिकिट को लेकर जमकर उठा-पटक मची है वर्तमान विधायक एक बार फिर के लिये जी जान से जुटे हैं वहीं उन्हे उनके कार्यकाल में क्या-क्या हुआ की शिकायतें बैठकों में होने और वरिष्ठ नेताओं के कानों तक पहुँचने से वर्तमान काफी परेशान है उन्हे अब एहसास हो रहा है कि अगर वे साढ़े चार साल तक चौकड़ी से घिरे नहीं रहते तो आज यह दिन देखने को नहीं मिलते सबसे अधिक परेशान वे अपने ऊपर बैठों में जो आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं उससे हैं लेकिन अब उन्हे एक नई परेशानी नजर आई है क्योंकि अब आष्टा के पूर्व विधायक एवं वर्तमान में रायसभा के सदस्य नारायण सिंह केसरी लगातार आष्टा क्षेत्र में दस्तक दे रहे हैं। गत दिवस वे इसी कड़ी में कोठरी पहुँच गये और वहाँ पर वे ऐसे लोगों से मिले जो हैं तो भाजपा के लिये वर्तमान विधायक के विरोधी माने जाते हैं। एक सहकारी नेता ने तो कोठरी में केसरी की चरण वंदना कर उनका स्वागत किया। केसरी जो की आष्टा के पूर्व विधायक रह चुके हैं व क्षेत्र से एवं यहाँ के नेताओं से अच्छी तरह परिचित भी हैं इस बार केसरी की पूरी इच्छा है कि अपने पुत्र भूपेन्द्र केसरी को आष्टा से भाग्य अजमाने के लिये मैदान में उतारने के प्रयास कर ऊपर भी वे सतत प्रयास में लगे हैं लेकिन भूपेन्द्र केसरी को उस दिन झटका जरुर लगा था जब आष्टा में आंकलन समिति की बैठक में क्षेत्र के सभी भाजपा नेताओं ने एक स्वर में तपन भौमिक के सामने यह बात रखी थी कि प्रत्याशी पार्टी किसी को भी बनाये स्थानीय ही हो। देखना है रघुनाथ जी के ग्राम में केसरी जी की दस्तक क्या रंग दिखाती है। लेकिन केसरी ने दस्तक देकर रघुनाथ मालवीय की नींद जरुर उड़ा दी है।