सीहोर 30 जुलाई (नि.सं.)। माननीय विशेष न्यायालय लालजी शर्मा ने प्रकरण क्र 89.2006 में दोषी पाकर अभियुक्त कैलाश व मनोज खाती निवासी कोठरी को धारा- 325 के अपराध में दो दो साल की कड़ी कैंद व 500-500 रूपये प्रत्येक को अर्थदंड की सजा का फैसला सुनाया। मामले में राज्य की और से पैरवी विशेषलोक अभियोजक के.के. शर्मा ने की। अभियुक्त की कहानी संक्षिप्त में इस प्रकार कही कि वर्ष 2006 में ग्राम कोठरी में कैलाश तथा रामसिंह आपस में लड रहे थे व गाली गुप्तार हो रही थी उसी बीच मामले के फरियादी प्रेम आत्मज हजारीलाल ने बीच बचाव करते हुये कहा कि भैया गालियां मत बको क्यों लड रहे हो इस पर आरोपी कैलाश खाती ने कहा कि तू कौन होता है हमारे बीच में बोलने वाला तथा उसे लोहे की टामी से कैलाश व मनोज ने हाथ, पैर, पंजे, अंगली आदि जगह पर मारपीट कर उसे 4 फेक्चर पहुंचाये। मामले की रिपोर्ट थाना आष्टा पर की गयी। अपराध क्रमांक- 228-2006 दर्ज किया गया। अनुसंधान के पश्चात अभियोजक व माननीय विशेष न्यायालय के समक्ष विचारण हेतु प्रस्तृत किया।
विशेष अभियोजक के.के. शर्मा के अनुसार उन्होंने अभियोजक के गवाह कराये, बचाव पक्ष को पर्याप्त अवसर अपनी साक्ष्य का दिया गया। दोनो ही पक्षों की अंतिम बहस माननीय न्यायालय एल. पी.शर्मा, साहब ने सुनी तथा फैसला सुनाया। विद्धान न्यायाधीश एल.पी.शर्मा साहब ने अभियुक्त कैलाश को व मनोज निवासी कोठरी आष्टा जिला सीहोर को धारा 325 भारतीय दंड विधान के मामले में दोषी सिद्ध पाकर प्रत्येक को 2-2 साल की सजा की सश्रम कारावास एवं प्रत्येक को 500-500 रूपयें के अर्थदंड का फैसला सुनाया शासन तरफ से पैरवी के.के.शर्मा विशेष लोक अभियोजक ने की।
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