Thursday, June 19, 2008

खुदा 405 फिट तो 250 पर मोटर क्यों अटक रही है? (खास खबर)

3 सड़के सीमेंट कांक्रीट सड़क देखी, तीनों में गड़बड़ी, डामर पर बना दी सीमेंट सड़क
सीहोर 18 जून (नि.सं.)। नगर पालिका परिषद के निर्माण कार्य एवं कांक्रीट रोड निर्माण कार्य में एक करोड़ रुपये से यादा के भ्रष्टाचार का आरोप पिछले दिनों 13 पार्षदों ने लगाया था लेकिन अब यह आरोप धीरे-धीरे सामने सिध्द होने की स्थिति में आने लगा है। तीन दिन से भोपाल से नगरीय प्रशासन विभाग के संभागीय कार्यपालन यंत्री ए.जी.खान स्वयं यहाँ जांच कर रहे हैं। उन्होने सारे जांच के बिन्दुओं पर बारीकी से जांच शुरु कर दी है। हालांकि अभी मामला ढुलमुल लग रहा है लेकिन जितनी भी जांच हुई है उसमें गड़बड़ी पाई गई है। 13 पार्षद जांच के समय की पूरी वीडियोग्राफी भी इसलिये बनवा रहे हैं कि यदि जांच अधिकारी बाद में रिपोर्ट बदल दें तो सारे सबूत सामने रह सकें। महारानी लक्ष्मी बाई विद्यालय से लगी मस्जिद के सामने वाली सड़क सहित अन्य सड़कें जहाँ सीमेंटीकरण हुआ है जांच के दौरान सड़क खोदने पर नीचे डामर की सड़क निकली है जो नियमों के विपरीत है। देखते हैं यह जांच का मामला क्या रंग लाता है ?
भोपाल से आये जांच दल ने तीन दिन से नगर पालिका को हिलाकर रख दिया है और उन सारे ठेकेदारों के होंश उड़े हुए हैं जिन्होने पिछले दिनों काम किया है। पिछले दिनों जो सड़के बनी हैं और बोर खनन हुआ है उनमें जहाँ-जहाँ अनियमितताएं हुई हैं उसकी जांच शुरु हो चुकी है और अब सामने भी आने लगी है। पिछले दिनों जिन 13 पार्षदों ने नगर पालिका की कार्यपध्दति से नाराज होकर इसके खिलाफ एकत्रित होकर आंदोलन शुरु किया है उन्होने दूसरी टेढी संख्या 17 का उपयोग करते हुए 17 बिन्दुओं का जांच पत्र भोपाल में प्रभारी मंत्री को सौंपा था। प्रभारी मंत्री ने आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल को इन 17 बिन्दुओं पर जांच के आदेश दिये थे। जिसकी जांच होना भी शुरु हो गई है।
दो रविवार को जांच अधिकारी कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन भोपाल संभाग ए.जी.खान ने सीहोर आकर नगर पालिका के सारे रिकार्ड की जांच अचानक शुरु कर दी थी। जांच में उन्होने जो तथ्य पाये वह शिकायत के बहुत कुछ अनुरुप मिले जिसके चलते श्री खान ने यह पूरे कागजात ही जप्त कर लिये।
इसके बाद नम्बर आया मौका मुआयना का। सीहोर नगर की जनता जो पानी के लिये हर वर्ष परेशान होती है और नगर पालिका पेयजल के लिये आने वाले रुपयों का किस प्रकार गलत-सलत उपयोग करके उसे बर्वाद कर देती है इसका जीता जागता उदाहरण काहिरी बंधान पर देखने को मिला। श्री खान जब काहिरी पर गये और उन्होने वहाँ दर्शाये गये लाखों रुपये के कार्य जिनका भुगतान न सिर्फ मुख्य नगर पालिका अधिकारी बल्कि अध्यक्ष के हस्ताक्षर से ही होता, उसकी जांच की। जांच में पता चला कि जो कार्य हुआ उसकी लागत कम है और बिल कुछ यादा का है। लेकिन इस संबंध में अभी श्री खान ने अधिकृत रुप से कुछ नहीं कहा है।
इसके बाद जांच दल के अधिकारी ए.जी.खान अपने दल के साथ पं.दीनदयाल नगर हाउसिंग बोर्ड कालोनी पहुँचे जहाँ बनी सीमेंट की सड़क की जांच में पाया गया कि यहाँ सड़क बनाने के पूर्व जिस तरह का मटेरियल आदि डाला जाता है वह नहीं डाला गया बल्कि पूर्व में बनी यहाँ की डामरीकृत सड़क पर ही सीमेंट का घोल डालकर सड़क बना दी गई। इस प्रकार डामर के ऊपर ही बनाई गई यह सड़क भी नियमों के अन्तर्गत नहीं आ पाई और इसकी जांच का पंचनामा बना लिया गया है।
पिछले दिनों जलसंकट के दौरान कुछ पार्षदों को खुश करने के लिये अंधाधुंध नलकूप खनन कराया गया था।
अनेक स्थानों पर हुए नलकूप खनन में पीछे से पार्षदों की ही ठेकेदारी के चर्चे आम थे और यह भी चर्चाएं आम थी कि कई नलकूप जितने खुद दर्शाये जा रहे हैं उतनी खुदाई उनकी हुई ही नहीं है और बिल फर्जी बनाये गये हैं।
इसी तारतम्य में 13 पार्षदों द्वारा नलकूपों की जांच की मांग भी की गई थी जिसके तहत यहाँ कोतवाली चौराहा पर राजगढ़ बैंक के सामने हुए एक नलकूप की जांच की गई। यहाँ की गहराई 410 बताई जा रही है। जबकि इसमें मोटर डेढ़ सौ फिट डाली गई थी। जब जांच की गई तो कोई भी वस्तु जो जांच के लिये रस्सी के साथ अंदर उतारी वह 250 फिट के आसपास जाकर अटक गई। कुल मिलाकर जिस बोर की गहराई 410 फिट दर्शाई गई वह मात्र 250 फिट ही गहरा कैसे रह गया? यह प्रश् उठ गया और जांच अधिकारी श्री खान ने इसके संबंध में पूरा लिखा-पढ़ी पक्की कर ली।
इसके बाद महारानी लक्ष्मी बाई विद्यालय और टैगोर स्कूल के पास से गई सड़क जो पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुँचती है उसकी भी जांच अधिकारी ने की। ज्ञातव्य है कि यह वार्ड 29 है जिसके पार्षद राहुल यादव हैं। यहाँ सड़क की मोटाई को लेकर स्पष्ट बात सामने नहीं आई कि वह कितनी मोटी होनी चाहिये लेकिन यह सड़क जांच दल के सामने अपना दुखड़ा रो बैठी। जब सड़क खोदी गई तो पता चला नीचे डामर की सड़क ही निकल आई। मतलब यहाँ भी सीमेंट के नीचे पहले बेस तैयार नहीं किया गया ? पहले डामर की सड़क खोदकर डामर हटाया नहीं गया और उस पर पत्थर-मुरमी-गिट्टी डालकर उस पर रोलर नहीं फिर और फिर उस पर सीमेंट नहीं कराया गया । जिस किसी ठेकेदार ने इस सड़क को बनवाया है बड़ा ही गलत कार्य किया है। श्री खान ने फुरसत संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि यहाँ नीचे डामर निकला है जो गलत है।
इसके बाद तिलक पार्क के सामने हुए बोर की जांच करने यह दल गया था ? यहाँ हुए बोर का रोचक घटनाक्रम कल के फुरसत में आपको विस्तार से पढ़ने को मिलेगा। इसके अलावा आज जांच दल भोपाल फाटक से कस्बा क्षेत्र के अंदर एक सीमेंट की सड़क पर भी जांच करने पहुँचा जहाँ आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा। यहाँ भी गड़बड़ झाला ही था।