उचित मूल्य दुकानदारों के पसीने छूट रहे, कैसे करेंगे माल इधर-उधर (शासन का नया निर्णय)
सीहोर 6 जून (विशेष .सं.)। पूरे जिले के सरकारी राशन दुकानों पर प्रदेश सरकार ने एक मजबूत शिकंजा कसते हुए दुकानों को खोलने का समय महिने में मात्र 3 से 8 दिन उपभोक्ताओं की संख्या के आधार पर कर दिया है। इतने कम दिनों तक खुलने वाली इन दुकानों पर अब आसानी से नोडल अधिकारी लगातार बैठकर अपने सामने उपभोक्ताओं को सामान वितरित करायेंगे। जैसे ही यह जानकारी सीहोर जिले के राशन दुकानदारों को मिली है उनके पैरो तले जमीन खिसक रही है। यहाँ बहुत बड़ी संख्या में जनता का राशन गेहूँ जहाँ चक्कियों पर सीधे बिक जाता है वहीं शक्कर और चावल राशन दुकान के नाम से किराना दुकानदार खुले आम बेचते हैं। अब इस पर रोक लग सकेगी और पूरी निगरानी रहेगी। घांसलेट भी गायब नहीं हो पायेगा। राशन लेने वाले उपभोक्ताओं को भी इस कारण आसानी से राशन मिल सकेगा कोई आनाकानी नहीं होगी। लेकिन अब राशन दुकानदारों का कहना है कि हमारी छोटी-सी दुकानों में एक साथ पूरा सामान कैसे रखा जायेगा ? वह तो यह भी कह रहे हैं कि गरीबी रेखा के नीचे वाला उपभोक्ता कैसे मात्र 3 दिन में सामान क्रय करने के लिये रुपयों की व्यवस्था जुटा पायेगा ? जो भी हो प्रदेश शासन का नया नियम अब जिले में लागू हो गया है। जिस पर एक विस्तृत नजर...।
शासकिय उचित मूल्य की दुकानों (कंट्रोल की दुकानें) पर इस माह से महिने में निश्चित दिनों में ही राशन मिलेगा। यह चौकाने वाला निर्णय प्रदेश सरकार ने लिया है। यहाँ जिन दुकानों पर अधिकतम 500 सौ उपभोक्ता राशन लेते हैं, उन उचित मूल्य दुकानों को महिने में मात्र 3 या 4 दिन ही खोला जायेगा। जबकि इससे अधिक राशन कार्ड वाली दुकानों के खुलने के दिन बढ़ा दिये जायेंगे और यह दुकानें अधिकतम 8 दिन तक खोली जायेंगी। इस प्रकार मात्र 3 से 8 दिन के अंदर ही उपभोक्ताओं को अपना सामान खरीदना पड़ेगा। इस संबंध में प्रदेश शासन के आदेश के बाद सीहोर नगरीय क्षेत्र में महिने की 18 से 25 तारीख के बीच का समय निर्धारित किया गया है। अभी अलग-अलग दुकानाें का समय व तारीख निर्धारण किया जाना शेष है।
इस संबंध में जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी के अनुसार इस 18 से 25 तारीख के बीच नोडल व जोनल अधिकारी लगातार दुकानों पर उपस्थित रहेंगे। जिले भर में 277 नोडल अधिकारी इस कार्य के लिये लगाये जायेंगे। जो तारीख अनुसार दुकान पर खुद उपस्थित रहेंगे उनकी आंखों के सामने ही पूरा राशन वितरित किया जायेगा। यही नोडल अधिकारी दुकान के खुलने की निर्धारित तारीख के बाद अन्य तारीख में दूसरी दुकान पर पहुँच जायेंगे। इस प्रकार जब तक राशन दुकान से सामान वितरित होगा तब तक नोडल अधिकारी उपस्थित रहेंगे। जिस कारण चोरी की संभावनाएं नगण्य हो जायेंगी।
इसी प्रकार जोनल अधिकारी भी बनाये गये हैं एक जोनल अधिकारी के नीचे 12 दुकाने रहेंगी जिसका पूरा हिसाब-किताब वह देखेगा। नोडल अधिकारी महिने की पूरी जानकारी प्रतिवेदन जोनल अधिकारी के सामने प्रस्तुत करेगा जहाँ से एसडीएम के समक्ष यह जानकारी उपलब्ध होगी और फिर पूरा हिसाब-किताब कलेक्टर के समक्ष माह की 30 तारीख तक रखा जायेगा जहाँ से समीक्षा प्रदेश में उच्च पदस्थ अधिकारी के सामने जानकारी भेजी जायेगी।
प्रदेश से आये निर्देशों के अनुसार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्य दुकानों पर जहाँ नोडल अधिकारी अपनी उपस्थिति निरीक्षण में सामान बिकवायेगा वहीं निगरानी के लिये सीधे जिला खाद्य अधिकारी, जिलाधीश, अतिरिक्त जिलाधीश, उपजिलाधीश सहित जिला पंचायत मुख्य अधिकारी, एसडीएम अचानक छापा मार पध्दति से इन दुकानों पर पहुँचकर जांच भी करेंगे।
उधर जहाँ ग्रामीण क्षेत्रों में कोटवार दुकान खुलने पर ग्राम में डोंडी पीटकर जानकारी देंगे वहीं शहर में अखबारों व अन्य माध्यमों से दुकानों की तारीखें उपभोक्ताओं को बताई जायेंगी। इसके अलावा जो नोडल अधिकारी दुकानों पर आकार सामान बिकते समय बैठे रहेंगे उनकी नियुक्ति भी हर तीन माह में अलग दुकानों पर कर दी जायेगी ताकि किसी प्रकार के संदेह की गुंजाईश न रहे। महिने की 15 तारीख तक दुकानों पर सारी खाद्य सामग्री भेज दी जायेगी और उसके बाद तय तारीख को दुकान से खाद्यान्न वितरण होगा। इस प्रकार प्रदेश सरकार ने गरीबों को मिलने वाले राशन व घांसलेट उनके ही हाथों में पहुँचे इसकी व्यवस्था कर दी है।
कुल मिलाकर घांसलेट इधर उधर कर देने और चावल-शक्कर किराना दुकानदारों के बेच देने और गेहूँ की बोरियाँ सीधे चक्की वालों के यहाँ उतरवा देने की पृथा पर बहुत हद तक इस नये नियम से अंकुश लग सकता है, वशर्ते काम ईमानदारी से हो ।
उचित मूल्य दुकानदारों का दर्द....
सीहोर 6 जून। सीहोर के उचित मूल्य सरकारी राशन दुकानदारों का कहना है कि जो सामान हम महिने भर दुकान खोलकर बेचते थे यदि वह 3 दिन में बेचना पड़ा तो फिर हमें एक साथ पूरा सामान अपनी दुकान में भरना पड़ेगा। जबकि हमारी छोटी-सी दुकानें हैं कुछ दुकानें तो मात्र 10 वाई 10 की हैं कहाँ हम सामान रखेंगे कहाँ हम बैठेंगे और कहाँ उपभोक्ता को सामान तोल कर देंगे? इसी प्रकार राशन दुकानदारों का यह तर्क है कि शासन जानता है कि वह गरीब जनता को राशन दे रहा है तो गरीबों के पास रुपये नहीं रहते हैं महिने भर में जब कभी किसी जुगाड़ से अन्य साधन से रुपये आ जाते हैं तो वह राशन खरीद लेते हैं वरना खर्च हो जाते हैं। अब कैसे वह निश्चित 3 दिन में ही रुपयों का प्रबंध करेगा और राशन खरीदेगा। इससे गरीबों की परेशानी बढ़ जायेगी।
लेकिन घासलेट हॉकर के रहेंगे मजे
सीहोर। राशन दुकानों पर तो प्रदेश सरकार ने शिकंजा कस दिया है लेकिन घासलेट के हॉकर अभी भी इससे मुक्त हैं। यही कारण है कि सीहोर नगरीय क्षेत्र के अधिकांश पेट्रोल पंपों पर आये दिन घांसलेट की मिलावट होने की जानकारी आ रही है। पिछले दिनों का एक किस्सा तो मशहूर है ही वहीं नगर में चलने वाले अनेक ट्रक व अन्य बड़े वाहन मालिक सहित सीहोर आष्टा मार्ग पर चलने वाले कई वाहन घांसलेट से चलते हैं जिसमें सर्वाधिक सहयोग इन्ही घासलेट बेचने वाले हॉकरो का रहता है। इन पर कैसे शिकंजा कसा जायेगा इसकी तरफ ध्यान दिया जाना चाहिये।