आष्टा 13 मई (नि.प्र.)। स्टेट बैंक जावर शाखा में पदस्थ आसन दास शिवनानी आ. जेठानंद शिवनानी बैंक में पदस्थ होने का लाभ उठाते हुए ग्राम के अनेक लोगों का विश्वास अर्जित कर उनसे व्यवसायिक व मधुर संबंध बनायें तथा लाखों रुपया उधार लेकर भुगतान के दायित्व में देनदारों को चैक जारी किये व चैकों का अनादरण होने पर लोगों द्वारा न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी आष्टा सुधीर चौधरी के न्यायालय में लगभग 15-20 परिवाद पत्र धारा 138 परक्राम्य लिखत अधिनियम के तहत प्रस्तुत किए गए थे ज्ञात रहे कि फरीयादी मुजाहिद अली आ. साजिद अली निवासी जावर से भी आसनदास ने रुपये उधार प्राप्त किये थे वे राशि की अदायगी के दायित्व में आरोपी द्वारा सात चैक विभिन्न दिनांकों में भुगतान में जारी किये थे, जो भारतीय स्टेट बैंक जावर द्वारा आरोपी के खाते में पर्याप्त निधि न होने से अनादृत किये गये थे ।
जिनका भुगतान प्राप्त करने के लिए फरियादी ने आरोपी के विरूद्व परिवाद न्यायालय में पेश किया थे, जिसमें भी मा. न्यायिक दण्डाधिकारी सुधीर चौधरी ने 09 मई को चार प्रकरण आर.टी.नंबर 77007 से 76907 में निर्णय पारित करते हुए दो-दो वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो-दो हजार रुपये के अर्थ दण्ड से दण्डित किया था तथा इस निर्णय के मात्र दो दिन बाद ही आज दिनांक 120508 को विद्वान न्यायाधीश सुधीर चौधरी ने फरियादी के अन्य प्रकरण आर.टी.नंबर 77007 से 77207 जो 4,20,000 रुपये के चैक अनादरण से संबंधित थे, उनमें आज न्यायिक दण्डाधिकारी प्र.श्रे. आष्टा द्वारा पुन: आरोपी आसान दास शिवनानी को दण्डित करते हुए तीनों प्रकरणों में दो-दो साल के सश्रम कारावास व दो-दो हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है । इस प्रकार आरोपी के विरूद्व चल रहे सात प्रकरणों में विद्वान न्यायाधीश श्री चौधरी द्वारा प्रकरण में आई साक्ष्य का सूक्ष्म विवेचन करते हुए एवं फरियादी के अभिभाषक नगीन जैन एड. की दलील व उनके द्वारा प्रस्तुत न्याय दृष्टांतों से सहमत होते हुए दो महीने से कम की अवधि में सात प्रकरणों में आरोपी को दोषी पाकर दण्डित किया । फरियादी पक्ष की और से पैरवी वरिष्ठ अभिभाषक नगीन चंद जैन एड. एवं उनके सहयोगी अभिभाषक नरेन्द्र धाकड़ एड. ने की ।