सीहोर 13 मई (आनंद गांधी)। नगर पालिका में कुल 15 नलकून खनन के लिये परिषद ने स्वीकृति दी थी और इसका पूरा कार्य प्रशासनिक अधिकारी ने अपने सामने देखा-समझा। लेकिन उधर जाने कब और कैसे 7 अन्य बोर करवा लिये गये हैं यह बात अभी तक समझ नहीं आ पा रही है। कस्बे में मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में 6 बोर मात्र 50से 100 फिट के कम अंतर की दूरियों पर करवा दिये गये हैं जबकि 1 अन्य बोर श्मशान घांट के पास करवाया गया है। यह बोर किसकी स्वीकृति से हुए हैं ? क्या अध्यक्ष महोदय ने इसके लिये मौखिक स्वीकृति दी है ? या यह जनभागीदारी से हुए हैं तो क्या इसकी कोई फाईल आदि जनता से संग्रहित रुपयों का हिसाब-किताब है क्या कलेक्टर को जानकारी दी गई है ? या फिर कुछ और राज है ?
एक तरफ तो नगर पालिका अध्यक्ष राकेश राय के पास नगर की जनता जब कभी वह मिलते हैं तो गुहार लगाती हैं कि उनके क्षेत्र में एक बोर करवा दिये जाये लेकिन इस संबंध में अध्यक्ष जी स्पष्ट मना कर देते हैं कि उन्हे कुछ नहीं मालूम, बोर खनन वो नहीं करवा सकते इसके लिये एसडीएम से मिला जाये। सभी से यही कहा जा रहा है और जनता अपने चुने हुए प्रत्याशी का कुछ लाभ भी नहीं उठा पा रही है। दूसरी तरफ अचानक मुस्लिम बाहुल्य कस्बे के चुने हुए वार्डों में 1-2 नहीं बल्कि 6 बोर करवा दिये गये हैं ? यह बोर न तो परिषद की स्वीकृति से हुए हैं ना ही एसडीएम को इसकी जानकारी दी गई।
अब नगर के चौराहों पर चल रही चर्चाएं आगे यह भी कहती हैं कि गत दिवस एसडीएम बाहर गये हुए थे। जब वह वापस आये तो उन्हे जानकारी मिली कि 7 बोर अलग से करवा दिये गये हैं। उन्होने इस संबंध में जब मुख्य नगर पालिका अधिकारी व अन्य संबंधित अधिकारी से जबाव मांगा तो यह लोग जबाव नहीं दे पाये कि आखिर किस आधार पर इन बोरो की खुदाई हुई है। उन्होने खुलकर पूछा कि भाई हमें भी तो बताओ कि इसकी स्वीकृति किसने दी ? या जनसम्पर्क निधि से या जनभागीदारी से इन्हे खुदवाया है कैसे हुआ यह ? लेकिन कोई जबाव नहीं दिया गया। उल्लेखनीय है कि सीहोर सिर्फ कस्बा क्षेत्र तक सीमित नहीं है बल्कि छावनी, कोतवाली चौराहा क्षेत्र, इंग्लिशपुरा क्षेत्र, भोपाल नाका, हाउसिंग बोर्ड, गंज के पूरा क्षेत्र से लेकर गल्ला मण्डी फ्री गंज तक इधर कोलीपुरा तक इसका विस्तार है लेकिन 6 बोर मात्र गिने-चुने वार्ड में ही किस आधार पर हो गये यह जनचर्चा का विषय है। नगर के चौराहों पर चर्चा है कि अध्यक्ष जी स्वयं अपनी मर्जी से बोर करवा रहे हैं और कोई उनके पास जाता है तो वह कह देते हैं कि एसडीएम के पास जाओ ? आखिर कस्बाई क्षेत्र में हुए बोर के पीछे राज क्या है ? यह तो खुदा ही जाने। क्या सिर्फ कस्बे में मतदाता रहते हैं या वही मतदाता यादा प्रिय हैं या पूरे नगर के मतदाताओं से उन्हे कोई मतलब नहीं है..?