सीहोर 13 मई (नि.प्र.)। जिले में बहुत बड़ी संख्या में पेट्रोल पंपों में पेट्रोल में 30 से 40 प्रतिशत घांसलेट तथा डीजल में 60 प्रतिशत तक घांसलेट मिलाने की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी की अच्छी खासी मिली भगत से आज तक किसी पेट्रोल पंप पर किसी तरह की छानबीन आदि नहीं की गई है। लेकिन आये दिन पेट्रोल पंपों पर खुले आम घांसलेट के ड्रम व सीधे टैंकर खाली होते मोहल्ले के लोग देखते रहते हैं। खुली छूट का नाजायज फायदा उठाते पेट्रोल पंप मालिक अब विशेषकर डीजल में तो घांसलेट की मात्रा हद से यादा ही बढ़ाने लगे हैं कई बार घांसलेट का रंग तक नहीं बदल पाता है ऐसी स्थिति आ जाती है और वाहन में घांसलेट डलते ही उसकी बदबू आना शुरु हो जाती है।
दो दिन पूर्व एक स्थानीय नेताजी नगर के ही एक पेट्रोल पंप पर रात नियमानुसार अपनी बस में डीजल डलवाने के लिये गये। उन्होने देखा की डीजल में से बजाय डीजल के स्थान पर घांसलेट की बदबू आ रही है। उन्होने करीब सौ-सवा सौ लीटर डीजल डलवाया था। वह नाराज हो गये और बोले पूरा डीजल खाली करो इसमें घांसलेट मिला है, रुपये भी वापस करो वरना अभी कलेक्टर से शिकायत करता हूँ। बस फिर क्या यहाँ पेट्रोल पंप पर उनका इतना कहना भर था कि हंगामा हो गया। यह दो लोग डीजल भरवाने आये थे दोनो ही उखड़ गये और खूब खरी-खोटी सुनाते हुए पेट्रोल पंप के मालिक को बुलाने को कहा? घबराहट में मालिक आया तो उससे स्पष्ट कहा कि भाई यह क्या कर रहे हो ? यूँ खुले आम घांसलेट मिलाकर बेचते रहोगे और कोई कुछ बोलेगा नहीं यह सोच रहे हो क्या? हम अभी कलेक्टर से शिकायत करेंगे? इस नये पेट्रोल पंप के मालिक ने उक्त नेताजी के पैर पड़ लिये कि भईया जो आप कहोगे मैं वो करने को तैयार हूँ, मेरे बूढ़े पिताजी की तबियत खराब है यदि उन्हे कुछ हो गया तो मेरी दिक्कत हो जायेगी? आपकी शिकायत करने से उनकी बीमारी बढ़ सकती है। आप जो कहोगे मैं वो करने को तैयार हूँ। बाद में यह मामला पहले 50-50 हजार और फिर बाद में 75-75 हजार रुपये के चैक देकर निपटाया गया। इस प्रकार खुले आम घांसलेट बेचने वाले इस पेट्रोल पंप मालिक ने मात्र डेढ़ लाख में अपनी इजत बचा ली। अब वह खुले आम घांसलेट बेचने को स्वतंत्र है।