Tuesday, May 13, 2008
चना का स्टाक करने वाले परेशान
आष्टा 12 मई (नि.प्र.)। कड़ाके की ठंड पड़ने से जो खबरे चली कि चना सबसे अधिक नष्ट हुआ है बस फिर क्या था कृषि उपज का व्यापार करने वालों में तथा स्टाकिस्टों ने धारणा बना ली थी कि इस बार चने का स्टाक करना चाहिये भरपूर तेजी मिलेगी लेकिन उत्पादन प्रभावित हुआ है बस फिर क्या था चने का स्टाक करने वालो ने नये चने की आवक मंडी में होते ही स्टाक करने के उद्देश्य से खरीदी शुरूकर दी उस वक्त चना 2500 से 2700 रुपये प्रति कुन्टल का भाव था स्टाकिस्टों ने जिस भाव से भी जमा चना खरीदा और स्टाक किया लेकिन अचानक दाव उल्टा पड़ गया उसके बाद से जो भाव घटने शुरू हुए तो आज चने का स्टाक करने वालो को रोने वाला नही मिल रहा है । क्योंकि 2500 से 2700 रुपये का चना आज 1900 से 2000 रुपये का भाव हो गया । दो माह में चने मे लगभग 500 से 700 रुपये क्ंविटल की एतिहासिक मंदी आ गई है । अनेकों स्टाकिस्टों में लगातार मंदी से घबराहट बढ़ गई है । आष्टा में हजारों क्ंविटल चने का स्टाक है । वहीं गुड़ के स्टाकिस्टों को अचानक पश्चिम बंगाल की पहली बार मांग निकलने से 150 से 200 रुपये की जो तेजी आई है उससे गुड का उत्पादको को अब राहत मिली है । गुड के भावों में आई तेजी के बाद अचानक मंडी मे गुड की आवक भी बढ़ गई है रोजाना मंडी में 40 से 50 ट्राली गुड आ रहा है और गुड की आवक आने वाले दिनों में बढ़ने की उम्मीद है । स्मरण रहे आष्टा क्षैत्र में सिद्दीकगंज, छाया नीलबड़, व सिद्दीकगंज क्षैत्र के अनेको ग्रामों में रामपूरा डेम के कारण अत्याधिक गन्ना उत्पादन होता है । और इन क्षैत्रों में गुड बनाया जाता है । बड़े-बड़े गुड उत्पादक तेजी की धारणा में है।