सीहोर 19 मई (नि.सं.)। जी हाँ वाकई एक खुशखबरी की खबर उन ठेकेदारों के लिये आ गई है जिनका पिछली परिषद का भुगतान रुका हुआ था....वर्तमान परिषद में भी रुकमणी परिषद के भुगतान शुरु हो गये हैं... हालांकि यह अंदर की बात है लेकिन अंदर की बात यह भी है कि इसमें कमीशन बाजी कुछ बड़े हिसाब से चल रही है...। रुकमणी परिषद के ठेकेदारों के बीच इन दिनों खुशी का आलम छाया हुआ है और वह तरह-तरह के पुराने भुगतान जो रुके हुए हैं उन्हे वसूलने की जुगत लगाने लगे हैं....इसके लिये पूर्व निर्धारित और ठेकेदारों के बीच लोकप्रिय दलाल भी अपनी महती भूमिका निभा रहे हैं....यदि आप भी रुकमणी परिषद के पीडित हैं तो थोड़ा दिल कठोर करके जो मिले सो ठीक की तर्ज पर फाईल निकाल लीजिये क्योंकि थोड़ा लेना-देना तो लगता ही है इसलिये जो कुछ भी निकल जाये निकाल लीजिये....।
पूर्ववर्ती नगर पालिका अध्यक्ष रुकमणी रोहिला के कार्यकाल में यूँ तो बहुत से कार्य हुए लेकिन वह जनता को नजर नहीं आ पाते थे। कारण जो भी रहे हों, काकस में घिरी रुकमणी परिषद अंत तक उबर नहीं पाई थी बेचारी वर्तमान नगर पालिका परिषद भी संयोगवश ऐसी ही स्थिति में नजर आती है लेकिन यहाँ खाने-कमाने में कोई पीछे नजर नहीं आ रहा है। जो ईमानदारी का ढोल पीटते हैं वह सबसे बड़े खाऊड़े सिध्द हुए जा रहे हैं। खाने-कमाने की यही कड़ी में अब एक खुशखबरी भी आ गई है यह खुशी की खबर उन ठेकेदारों के लिये है जो पिछली परिषद में काम कर चुके हैं लेकिन उनका भुगतान नहीं निकल पाया है। कुछ ठेकेदारों के बीच चर्चा है कि पिछली परिषद के कार्यकाल में कार्य करने वाले कुछ ठेकेदारों का भुगतान भी भारी लेन-देन करके सेटिंग करके किया जा रहा है। जब यह चर्चाएं बाजार में आई हैं ठेकेदारों के बांछे खिल गई हैं लेकिन भुगतान करने-कराने वालों के मुंह में जो चारा डालना है उसको लेकर इन ठेकेदारों का मजा किरकिरा हो रहा है। असल में चौराहों पर चर्चा के अनुसार ठेकेदारों का ही कहना है कि भारी कमीशन देकर ही उनका भुगतान संभव हो पा रहा है। कमीशन की बात करके जो नेताजी व अधिकारी को पटा लेता है उसी का भुगतान हो जाता है। गुपचुप रू प से यह कार्य चल रहा है और इसको लेकर खुशी भी छा गई है। ठेकेदार सोच रहे हैं न भले से कुछ भला अच्छा। मतलब वह तो समझ रहे थे कि रकम डूब ही चुकी है लेकिन इस बहाने जो कुछ मिल जायेगा वही अच्छा है। रुकमणी परिषद का रुपया निकालने वाले एक ठेकेदार ने छोटी-मोटी पार्टी भी पिछले दिनो दी थी उसकी चर्चाएं सरगर्म हैं और यही कारण है कि ठेकेदारों में चर्चाएं छाई हैं। उल्लेखनीय है कि नगर पालिका में आर्थिक अनियमितताओं की लगातार शिकायतें मिल रही हैं और इसकी सघन व गहन जांच किये जाने की आवश्यकता है। इस संबंध में चुने हुए प्रतिनिधिगण व स्वयं राकेश राय अध्यक्ष मौन बने हुए हैं इसका क्या कारण है राम जाने।