Sunday, May 18, 2008

13 भाजपा पार्षदों ने भाजपा की सदस्यता से इस्तिफा दिया, विधायक पर मढ़े आरोप

पार्षदों ने कहा : विधायक-सांसद कांग्रेसी पार्षदों के वार्ड में काम कराते हैं, भाजपा कोई मदद नहीं करती
सीहोर 17 मई (विशेष सं.)। नगर पालिका में भाजपा के पार्षदों की बाहुल्यता के बावजूद पार्षदों की लगातार उपेक्षा उनके वार्डों में काम नहीं होने से बड़ी संख्या में पार्षदगण नाराज हो गये हैं। आज 13 पार्षदों ने एक साथ भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तिफा दे दिया है। उनका कहना है कि पार्टी सत्ता में होते हुए भी पार्षदों की लगातार उपेक्षा कर रही है और वार्डों में विकास का एक भी कार्य ढाई साल में नहीं किया गया है। आज हुए सामुहिक इस्तिफा काण्ड में भाजपा के पार्षद और उपाध्यक्ष अशोक सिसोदिया, माखन परमार और रामचन्द्र पटेल शामिल नहीं हैं। भाजपा पार्षदों ने प्रदेश भाजपा सरकार व विधायक भी मढ़े आरोप कि वो कांग्रेस पार्षदों के यहाँ कराते हैं काम।
विगत कुछ महिनों से भाजपाई पार्षद खासे नाराज थे। इधर नगर पालिका में उनकी एक नहीं चल पा रही थी उधर नगर पालिका को पूरी छूट दे दिये जाने के बाद कांग्रेस पार्षद दल व अध्यक्ष मिलजुल कर अपने हिसाब से नगर पालिका चलाने में कामयाब होने लगे थे। इस तरह भाजपाई पार्षदों का जो दबाव पहले पहल सत्ता होने के कारण बन रहा था वह किन्ही राजनीतिक कारणों से कम होने लगा।
मजे की बात तो यह रही की करीब डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक के चर्चित जलाभिषेक अभियान काण्ड के बाद नगर पालिका उपाध्यक्ष अशोक सिसोदिया सहित पूरी भाजपा के पार्षदों ने ऐसा मौन धारण कर लिया था कि फिर चाहे नगर पालिका में अंधा बांटे रेबड़ी अपने-अपने देय ही क्यों ना होता रहे लेकिन पार्षद अपना मुँह इसके खिलाफ खोलने को तैयार नहीं थे। सैकड़ो अनियमितताओं के बावजूद कभी किसी भाजपाई पार्षद ने खुलकर इसका विरोध नहीं किया।
बल्कि वह सिर्फ यही चाहते रहे कि उनके वार्ड में विकास ही ऐसी ही गंगा बह जाये जैसी की दूसरे वार्डों के पार्षदों के यहाँ बह रही है। अंदरुनी राजनीति क्या चल रही थी कि यह तो वक्त ही बतायेगा लेकिन नगर पालिका के खिलाफ कोई बयान, टीका टिप्पणी करने से एक तरह सारे ही भाजपा पार्षद बच रहे थे। आज तक इन्होने किसी तरह का कोई विरोध आदि भी नहीं किया। हाँ हल्की फुल्की कभी कुछ विज्ञप्तियाँ जारी हुई भी तो वह मामले सुलझ गये।
लेकिन आज अचानक 13 भाजपाई पार्षदों के दल ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता से यह कहकर इस्तिफा दे दिया है कि पार्टी उन्हे सहयोग नहीं कर रही है। भाजपा जिलाध्यक्ष ललित नागौरी के नाम इन्होने एक सूचना पत्र नगर अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौर व महामंत्री रमाकांत समाधिया को दिया जिसमें उन्होने कहा कि हम जिन वार्डों में निर्वाचित हुए है उसमें हमारी व्यक्तिगत छवि व मेहनत व भाजपा छवि के आधार पर कशमकश के दौर में विजयश्री प्राप्त की है किन्तु भाजपा की प्रदेश में सरकार होने तथा भाजपा विधायक, भाजपा सांसद होने के बाद भी जानबूझकर हम पार्षदों के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार किया जा रहा है हमारे वार्डों में विकास नगण्य है। जिनसे हमारी जनता के सामने छवि धूमिल हो रही है वहीं हम अन्तर्मन से काफी व्यथित हैं।
13 ही पार्षद जिनमें अर्जुन राठौर वार्ड 13, प्रभा राठौर वार्ड 10, लीला बाई वार्ड 3, पार्षद राजश्री छाया वार्ड 14, सीताराम अहिरवार वार्ड 22, रजनी ताम्रकार, श्रीमति कमला पिपलोदिया, सरोज सिंह ठाकुर, रणजीत लुनिया, भोजू यादव, हृदेश राठौर, विपिन सास्ता, राजू पहलवान शामिल हैं। इन्होने नगर पालिका परिषद अध्यक्ष कांग्रेसी राकेश राय के लिये कहा है कि उनके द्वारा भाजपा पार्षदों के वार्ड में विकास कार्य जन आशाओं के अनुरुप नहीं किये जा रहे हैं। साथ ही भाजपा के स्थानीय विधायक एवं क्षेत्र के भाजपा सांसद भी हमारे वार्डों में विकास के लिये कभी कोई अनुदान स्वीकृत कर कार्य नहीं कराते।
पार्षदों ने कहा है कि भाजपा सरकार होने के बाद भी हम भाजपा पार्षदों की उपेक्षा कर कांग्रेस एवं अन्य राजनीतिक दलों के वार्डों में विधायक व सांसद निधि से काम कराये जा रहे हैं। उपरोक्त पार्षदों ने कहा है कि भाजपा पार्टी की छवि इन कतिपय जनप्रतिनिधियों की गलत नीति एवं भाजपा पार्षदों की अनदेखी के कारण बिगड़ रही है। इसलिये स्वेच्छा से व अन्तर्मन से हम भाजपा पार्टी की सदस्यता से इस्तिफा देते हैं। हमे भाजपा से मुक्त किया जाये। सभी 13 पार्षदों ने अपने-अपने लेटर पेड पर सदस्यता से मुक्ति के लिये पत्र लिखकर भी दिया है।