इछावर 7 मार्च (फुरसत)। निकटवर्ती ग्राम में हमेशा पेयजल संकट बना रहता है और ग्रामीण रहवासी दूर दराज से पीने का पानी का जुगाड़ साल भर करते रहते हैं। ग्रीष्म में तो यहाँ पेयजल संकट गंभीर हो जाता है।
ग्राम में हमेशा पानी का संकट बना रहने से ग्राम के अविवाहित युवकों को अन्य ग्रामों के लोग अपनी बेटियां देने को तैयार नहीं हैं। ऐसा नहीं है कि गांव के कुंआरों के लिये विवाह प्रस्ताव नहीं आते हैं। प्रस्ताव तो आते हैं बात भी आगे बढ़ती हैं लेकिन जब लड़की वालों को गांव में पानी की समस्या ज्ञात होती है और यह ज्ञात होता है कि पीने के पानी के लिये बहु-बेटियों को 3 से 4 किलो मीटर दूर से पानी लाना पड़ता है तो यही कारण संबंध टूटने का कारण बन जाता है और कुंआरे, कंआरे ही रह जाते हैं।
ग्राम में हमेशा पानी का संकट बना रहने से ग्राम के अविवाहित युवकों को अन्य ग्रामों के लोग अपनी बेटियां देने को तैयार नहीं हैं। ऐसा नहीं है कि गांव के कुंआरों के लिये विवाह प्रस्ताव नहीं आते हैं। प्रस्ताव तो आते हैं बात भी आगे बढ़ती हैं लेकिन जब लड़की वालों को गांव में पानी की समस्या ज्ञात होती है और यह ज्ञात होता है कि पीने के पानी के लिये बहु-बेटियों को 3 से 4 किलो मीटर दूर से पानी लाना पड़ता है तो यही कारण संबंध टूटने का कारण बन जाता है और कुंआरे, कंआरे ही रह जाते हैं।