Monday, March 31, 2008

गुप्तदान कर पीड़ितो की सेवा में जुटे है आष्टा के कई हाथ

आष्टा 30 मार्च (नि.प्र.)। आष्टा के श्वैताम्बर जैन मंदिर किला पर विराजित पूज्य पन्यास प्रवर श्री हर्ष तिलक विजय जी म.सा. ने पीछले दिनों स्थानीय पत्रकारों से रूबरू होते हुए दान कैसे होना चाहिये और उसका कैसा फल प्राप्त होता है के बारे में कहा था कि दान जितना गुप्त होगा उसका फल उतना ही अधिक मिलता है ।
जब कोई दान करे और उसके पीछे उसकी मंशा नाम की हो तो वो दान दान नही होता है । इस युग में दान तो बहुत करते है । लेकिन कईयों की इसके पीछे मंशा नाम होना चाहिये छुपा रहता है । लेकिन आज भी आष्टा में ऐसे ऐसे दान दाता है जो पीड़ितों की सेवा के लिए खुल मन से दान के लिए हाथों को जेब में डालते है । और अपना नाम गुप्त रखते है । इसका उदाहरण है आष्टा के गंज क्षैत्र के वे पीड़ित परिवार जिनके परिवारों में बसंत पंचमी पर एक दुर्घटना के बाद परेशानियों ने अपना डेरा डाल दिया था । बसंत पंचमी पर आष्टा के गंज क्षैत्र में रहने वाले चन्द्र प्रकाश गौतम की पुत्री की शादी में परिवार व रिश्तेदार इंदौर जा रहे थे तभी उनकी गाड़ी दुर्घटना ग्रस्त हो गई थी जिसमें लगभग 22 लोग घायल हो गये थे इनमें से दो की मृत्यु हो गई थी ये सभी घायल परिवार इतने गरीब थे कि उनका इलाज कराना उनके बस की बात नही था लेकिन आष्टा के दानदाताओं, व्यापारियों ने खुलकर सामने आकर इलाज के लिए राशि भेजी ।
अब इन परिवार के सदस्यों के लिए भोजन सामग्री व अन्य वस्तुओं की व्यवस्था के लिए आज भी कई दान दाता बिना नाम घोषणा किये इन परिवारों की सेवा में जुटे है । गंज के समाज सेवी विनोद पटेल को गुप्त रूप से दान राशि देकर उन परिवारों की सेवा कर रहे है । पीड़ित परिवारों के घरो पर आई दान राशि से घर में खाद्य सामग्री आदि पहुंचाई जा रही है । दानदाता ऐसे कार्य में पीछे भी नही है । अगर नगर का कोई भी दानदाता इन पीड़ित परिवारों की सेवा के लिए दान राशि देना चाहे तो वे विनोद पटेल, सवाईमल बोहरा से संपर्क कर दान राशि दे सकते है । आष्टा हमेशा पीड़ितो की सेवा के मामले में अपना एक अलग ही स्थान रखता है । इसके पहले भी आष्टा से कोटिया नाला क्षैत्र में, कारगिल के शहीदों के लिए हजारों रुपये दान में यहां के दानदाताओं संगठनों ने भेजी है ।