Sunday, February 3, 2008

केन्द्र से सब्जी उगाने के लिये आये ढाई करोड़ मुख्यमंत्री के गांवों में ठूंसे जायेंगे, कांग्रेसी हाथ मलते रह जायेंगे....

सीहोर 1 फरवरी (फुरसत)। जिले भर में उद्यानिकी के विकास के लिये ढाई करोड़ से भी अधिक राशि की कार्ययोजना जो राय सरकार ने अनुमोदित कर स्वीकृति के लिये केन्द्र सरकार को भेजी गई थी उसे केन्द्र सरकार ने स्वीकृत कर दिया गया है। कार्ययोजना स्वीकृति के बाद जिले भर में करीब तीन सौ से भी अधिक हेक्टेयर क्षेत्र में उद्यानिकी क्षेत्र का विकास कार्य को अमली जामा पहनाया जा सकेगा। जिसके तहत करीब आठ नर्सरियों की स्थापना, जैविक खेती के लिये 210 हेक्टेयर क्षेत्र में आर्गनिक फारमिंग, 93 हेक्टेयर क्षेत्र में पुष्प व मसाला उत्पादन 200 हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जी को प्राथमिकता दी जायेगी। इसके लिये अभी तक 134 गांवों का चयन किया जा चुका है। जिनमें उद्यानिकी विकास के लिये केन्द्र से आये 2 करोड़, 55 लाख 78 हजार 400 रुपये की वृहद धनराशि खर्च की जावेगी। लेकिन जानबूझकर यह महती योजना नर्वदा किनारे के लिये गये हैं। जो मुख्यमंत्री के क्षेत्र के हैं और यहाँ पूर्व से ही किसानों की व उद्यानिकी की स्थिति बढ़िया है। देखते हैं कांग्रेसी नर्वदा की अपेक्षा जिले की सबसे बड़ी नदी पार्वती या नदियों को लेकर जाग्रत होते हैं या नहीं ?
जिला जनसम्पर्क कार्यालय से प्रसारित समाचार के अनुसार जिला उद्यानिकी के कर्ताधर्ता जिलाधीश की अध्यक्षता में गत दिवस संपन्न एक बैठक में उद्यानिकी विकास की वर्ष 2007-08 की कार्ययोजना का अनुमोदन किया गया । बैठक में जिलाधीश ने उद्यानिकी विकास के लिए पानी की पर्याप्त उपलब्धता को लेकर बातचीत करते हुए अपनी राय थोपी की नर्वदा किनारे पर्याप्त पानी है। फिर उद्यानिकी के कार्यो को तत्काल प्रारंभ करने और प्रस्तावित कार्ययोजना का जनपद पंचायतों की कृषि स्थायी समिति से तत्काल अनुमोदन कराने के निर्देश दिए। कृषक भ्रमण प्रशिक्षण के लिए उपयुक्त किसानों का चयन करने के भी उन्होंने निर्देश दिए। जिलाधीश ने उद्यानिकी विकास के लिए सबसे जरूरी तत्व पानी पर विशेष जोर देते हुए कहा कि वर्तमान में जहां पहले से ही पानी उपलब्ध है वहां उद्यानिकी कार्यो को प्राथमिकता दी जाये। उन्होंने सुझाव दिया कि पानी की सुलभता को देखते हुए कार्ययोजना में नर्मदा किनारे के ग्रामों का चयन उपयुक्त हो सकता है। अप्रत्यक्ष रुप से उन्होने स्पष्ट ही कह दिया कि प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री जी के क्षेत्र में नर्वदा बहती है इसलिये सब समझ जाईये कि वहीं पानी पर्याप्त है और कार्य तत्काल प्रारंभ हो जिससे मुख्यमंत्री का क्षेत्र हरा-भरा-समृध्द हो जाये ताकि वह हम पर व हमारे कार्यों से प्रसन्न हो सकें।
सहायक संचालक उद्यानिकी ने जिलाधीश को बताया कि प्रस्तावित कार्ययोजना के तहत जिले में 34 क्लस्टर के कुल 130 ग्रामों का चयन किया गया है। कृषकों के चयन का कार्य जारी है । सब्जी बीज इन्फास्ट्रक्चर के तहत 80 हेक्टेयर मसाला विकास और 13 हेक्टेयर क्षैत्र में पुष्प विकास के कार्य किए जायेगे । प्रस्तावित कार्ययोजना में पुराने बगीचों में उत्पादकता बढ़ाने के मद्देनजर 25 हेक्टेयर क्षैत्र को शामिल किया गया है । इसी तरह रोपण सामग्री उत्पादन के लिए पांच-पांच सौ वर्ग मीटर में ग्रीन हाउस और नेट हाउस बनाए जायेगे । दो हेक्टेयर में मल्ंचिग का कार्य किया जायेगा । एकीकृत जीवनाशी प्रबंधन का कार्य 20 हेक्टेयर में किया जायेगा । जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 200 हेक्टेयर में सब्जी और 10 हेक्टेयर में मिर्च का उत्पादन किया जायगा। प्रस्तावित कार्ययोजना में 20 वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण और 10 जल स्त्रोंतों का उत्पादन किया जायेगा । प्रस्तावित कार्ययोजना में 20 वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण और 10 जल स्त्रोंतो का सृजन शामिल किया गया । जिले से 400 किसानों के चयन का कार्य शुरू कर दिया गया है । किसानों का चयन कर उन्हें राज्य के भीतर और राज्य के बाहर प्रशिक्षण के लिए भेजा जायगा ।
इस प्रकार केन्द्र से मंजूर हुई इस महत्वपूर्ण योजना के लिये करोड़ो रुपये में प्राप्त धनराशि एक तरह से सिर्फ मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र जिसे नर्वदा का किनारा कहकर योजना में सम्मिलित किया गया है वही हरा-भरा होगा। मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में वैसे ही कल-कारखानों से लेकर करीब एक अरब रुपये (1,00,00,00,000) तक के तरह-तरह के निर्माण कार्यों की स्वीकृति पूर्व में ही हो चुकी है। नर्वदा के किनारे होने तथा पानी खूब होने से यहाँ के किसान पहले ही समृध्द और सम्पन्न हैं। यहाँ पर्याप्त पैदावार है सभी और खुशहाली है।
ऐसे में केन् द्र से आई योजनाओं का भी इस प्रकार यहाँ उपयोग किया जा रहा है। जिसको लेकर कोई बोलने या विरोध करने वाला नहीं है। देखते हैं क्या कांग्रेस इस मामले में कुछ करेगी ?