Friday, February 22, 2008

अजंन शलाका प्रतिष्ठा महोत्सव सम्पन्न कराने आचार्य श्री का 24 को मंगल प्रवेश

आष्टा 21 फरवरी (फुरसत)। मालवा में गिरनार तीर्थ के रुप में विकसित हो रहे आष्टा नगर में किले पर 2 मार्च से 11 मार्च तक होने वाली अंजन शलाका प्रतिष्ठा महोत्सव को सम्पन्न कराने के लिये पूयपाद आचार्य देवश्रीमद विजय अजित सेन सूरी जी म.सा. एवं पूय आचार्य श्री नयवर्धन विजय जी म.सा. एवं साध्वी प्रशांत दर्शना श्री जी, रत्न दर्शिता श्रीजी आदि ठाणा 24 फरवरी को तीर्थ नगरी आष्टा प्रवेश करेंगे। पूय आचार्य श्री आष्टा तीर्थ नगर प्रवेश को लेकर श्री श्वेताम्बर जैन समाज ने भव्य तैयारियां की है।
इन्दौर नाके से आष्टा तीर्थ में मंगल प्रवेश करेंगे। आचार्य श्री की शुभ निश्रा में 2 मार्च से लेकर 11 मार्च तक अंजन शलाका प्रतिष्ठा महोत्सव का ऐतिहासिक कार्यक्रम सम्पन्न होंगे। मंदिर जी में सुप्रसिध्द जैन तीर्थ राणकपुरी, देलवाड़ा जैसी नक्कासी मंदिर की सुंदरता में चार चांद लगा रही हैं। नगर बने उक्त सुन्दर ऐतिहासिक तीर्थ मंदिर में 22 सौ वष्र की पुरानी चमत्कारिक श्री नेमिनाथ भगवान की प्रतिष्ठा सम्पन्न होगी। नगर में उक्त प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर जैन समाज में ही नहीं अपितु अन्य समाज में अति उत्साह का माहौल बना हुआ है। उक्त प्रतिष्ठा महोत्सव को ऐतिहासिक बनाने के लिये श्री श्वेताम्बर जैन समाज का प्रत्येक सदस्य समिति के सभी सदस्य पिछले 3 माह से दिन रात तैयारियों में जुटा हुआ है। उक्त प्रतिष्ठा महोत्सव में म.प्र. सहित देश के अन्य प्रांतों से भी हजाराें श्रावक-श्राविकाएं साधु संत तीर्थ नगरी आष्टा पहुँचेंगे। स्मरण रहे आष्टा नगर के लिये किले पर तैयार उक्त मंदिर को तीर्थ धारक महान तपस्वी सम्राट आचार्य देवेश श्रीमद विजय राजतिलक सूरीश्वर जी म.सा. का शुभ आशीर्वाद प्राप्त हुआ एवं उनके शिष्य पन्यासप्रवर श्री हर्ष तिलक विजय जी महाराज सा. का शुभ सानिध्य प्राप्त हुआ है।
शुभ मुहूर्त में प्रतिष्ठा महोत्सव की पत्रिका लिखाई
आष्टा 21 फरवरी (नि.सं.)। 2 मार्च से 1 मार्च तक आष्टा नगर के श्री नेमिनाथ श्वेताम्बर जैन मंदिर किला आष्टा में भगवान की प्रतिष्ठा कार्यक्रम की पत्रिका विराजित पूय महाराज श्री हर्षतिलक विजय जी की उपस्थिति में श्री संघ की उपस्थिति में लिखी गई। पत्रिका लिखने की बोली श्रावक शेखरचंद सुराणा एवं भविष्य कुमार सुराणा परिवार आष्टा ने ली तथा इस अवसर पर श्री संघ का मुँह मीठा कराने की बोली श्रावक प्रकाश चंद बोहरा ने ली बाद में गाजे-बाजे के साथ प्रतिष्ठा महोत्सव की लिखी गई पत्रिका किला, गंज मंदिर एवं दादावाड़ी में चढ़ाई गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविका बड़ी संख्या में उपस्थित थे।