सीहोर 14 दिसम्बर (नि.सं.)। जिला चिकित्सालय सीहोर में जो हो जाये सो कम है, अब हद तो तब हो गई जब यहाँ अस्पताल में बिल्ली भी मरीजों का इलाज करने लगी। आज करीब 45 मिनिट तक एक बिल्ली ने वकायदा डॉ वर्मा की कुर्सी पर बैठक र कई मरीजों का इलाज किया। कुछ डाक्टर उसे देखकर चुप रहे और कुछ देखकर आश्चर्य में रहे कि मरीज बिल्ली से इलाज क्यों करवा रहे हैं। अस्पताल में आज भी अनेक कुर्सियाँ खाली थी। मरीज परेशान हो रहे थे।
क्या आपने सुना है कि बिल्ली डाक्टरों की जगह इलाज करती हो ? लेकिन साहब सीहोर जिला चिकित्सालय में यह अवश्य होता है। यहाँ आज सुबह 10 बजे से पौने ग्यारह बजे तक एक बिल्ली ने कई मरीजों का इलाज किया। बिल्ली यहाँ चिकित्सक डॉ. वर्मा की कुर्सी पर बैठी हुई थी और वकायदा उसके आसपास मरीज आते जा रहे थे, वह उन्हे मुँह उठाकर देखती, फिर लेट जाती थी। अस्पताल आज खुला हुआ था, भारी संख्या में मरीज आये हुए थे, लेकिन कई चिकित्सकों की कुर्सियाँ खाली पड़ी हुई थी। ऐसे में डॉक्टर की कुर्सी का मजा लेने के लिये यहाँ अस्पताल के रसोई घर में पड़ी रहने और दिन रात मुँह मारने वाली एक सफेद बिल्ली ने आज यहीं आराम फरमाया। भिनी-भिनी धूप का आनन्द लेते हुए एक खिड़की के पास लगी डाक्टर की कुर्सी पर यह जब से बैठी और लेटी तब से ही यहाँ लगातार मरीज आते रहे, कुर्सी पर बैठते, लेकिन बिल्ली न इनसे झेंपती ना ही कहीं जाती। वह बकायदा लेटी रही और मरीजों को देखती रही। उसने कई मरीज देखे, जो उसके पास आये और चुपचाप चले गये।
आश्चर्य है कि इस कमरे का ना तो कोई वार्ड वाय ने इसे भगाया, ना कोई अन्य व्यवस्था कर्मी ही यहां नजर आया।
ज्ञातव्य है कि दो दिन पूर्व ही बाहर से वरिष्ठ महिला अधिकारी ने आकर जिला चिकित्सालय की अव्यवस्थाओं पर कड़ा रोष जाहिर किया था जिसके तुरत बाद ही जिला चिकित्सालय में सफाई अभियान शुरु कर दिया गया था, लेकिन सफाई अभियान हो या व्यवस्था अभियान यहां कोई सुधरने वाला नहीं है।
अब तो जिलाधीश ही जिला चिकित्सालय की गति को सुधार सकते हैं।
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