सीहोर : 15 जनवरी (नि:सं:)। प्रदेश के जनसम्पर्क, संस्कृति, धार्मिक न्यास, धर्मस्व एवं जन शिकायत निवारण तथा सीहोर जिला प्रभारी मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने आज यहां आयोजित एक बैठक में जिले में किए जा रहे विकास कार्यों की समीक्षा की। बैठक में म.प्र. वन विकास निगम के अध्यक्ष श्री गुरूप्रसाद शर्मा, स्थानीय विधायक श्री रमेश सक्सेना, आष्टा विधायक श्री रणजीत सिंह गुणवान, भाजपा जिलाध्यक्षश् श्री ललित नागौरी आदि मौजूद थे।
बैठक को संबोधित करते हुए जिला प्रभारी मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने कहा कि सीहोर को एक आदर्श जिला बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि जिले में विकास के और अधिक कार्य किए जांएगे। वे सभी कार्य किए जांएगे जो जिले के समन्वित और संपूर्ण विकास के लिए जरूरी होंगे। उन्होंने विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान अधिकारियों से कहा कि सुधार की कुछ न कुछ गुंजाइश हमेशा बनी रहती है। जरूरी यह है कि कार्य को और ज्यादा बेहतर तरीके से पूरा करने की संभावनाओं को तलाश जाय और कार्य को पूरी गुणवत्ता के साथ अंजाम दिया जाय। प्रभारी मंत्री ने कहा कि मैं काम में विश्वास रखता हूं। अनावश्यक बातों में समय गंवाना नहीं चाहता। जिले के अधिकारी टीम भावना से कार्य करें जिससे जिले का संपूर्ण विकास किया जा सके। उन्होंने कहा कि जिले में अलग से योजनाएं लाने का प्रयास किया जायगा। सीहोर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का जिला है जिसका पूरा फायदा इस जिले को विकास योजनाएं लागू करने में मिलेगा।
प्रगति जमीनी स्तर पर जांची जायेगी
प्रभारी मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि योजनाओं का शत प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाय। कार्यों की गुणवत्ता पूर्ण तरीके से पूरे किए जाय। उन्होंने कहा कि वे बैठकों में ज्यादा समय जाया करने की बजाय जमीनी स्तर पर योजनाओं की प्रगति देखना बाजिव समझते हैं। उन्होंने कहा कि जिले के लिए अलग से भी योजनाएं लाने के प्रयास किए जांएगे। जो सर्वश्रेष्ठ होगा वह जिले में किया जायगा।
विभागीय अधिकारी जिम्मेदारी समझें
प्रभारी मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान पेयजल योजनाओं, हैण्डपम्पों की स्थिति और पेयजल की दृष्टि से समस्यामूलक गांवों की जानकारी हासिल की। उन्होंने कहा कि आने वाला समय इस विभाग की परीक्षा का समय होगा। उन्होंने कहा कि पेयजल संकट पैदा होने के पूर्व ही वे सभी तैयारियां कर ली जाना चाहिए जो पेयजल संकट से निजात दिलाने में कामयाब हो सकती हैं। उन्होंने विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे जागरूक होकर कार्य करें। कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी ने बताया कि जिले में पेयजल समस्या निवारण के लिए 179.92 लाख की योजना तैयार की जा चुकी है जिसमें टयूब बैल खनन, सिंगलफेस सम्बर सिवल लगाने और पेयजल परिवहन आदि कार्यों को शामिल किया गया है।
नर्मदा का पानी कोलार में
बैठक में वन विकास निगम के अध्यक्ष श्री गुरूप्रसाद शर्मा ने बताया कि पूर्व में सिंचाई विभाग द्वारा नर्मदा का पानी कोलार में डालने की एक महत्वपूर्ण योजना तैयार की गई थी जिस पर गंभीरता से विचार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह एक बहु आयामी योजना साबित हो सकती है जिससे नसरूल्लागंज, इछावर और सीहोर क्षेत्र के लिए पेयजल सहित सिंचाई के लिए भी पानी मुहैया हो सकेगा। प्रभारी मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे इस योजना के तकनीकी पक्ष सहित उसकी व्यवहारिकता का आंकलन कर वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी प्रस्तुत करें।
अन्य योजनाओं की समीक्षा
बैठक में प्रभारी मंत्री द्वारा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, लाड़ली लक्ष्मी, जननी सुरक्षा, मजदूर सुरक्षा, कर्मकार मंडल योजना और कपिलधारा योजना के साथ ही राजस्व प्रकरणों की स्थिति की समीक्षा की गई। मुख्य मंत्री कन्यादान योजना की समीक्षा के दौरान उन्होंने बताया कि योजना में राशि बढ़ाकर प्रति विवाह साढ़े सात हजार कर दी गई है जिससे अब इस योजना में बेहतर प्रयास किए जा सकते हैं। उन्होंने लाड़ली लक्ष्मी योजना और जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा के दौरान कहा कि इन योजनाओं के राशि वितरण में तत्परता बरती जाना चाहिए।
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