सीहोर 7 सितम्बर (नि.सं.)। मनुष्य के लिए डाक्टर, इंजीनियर बनना काफी सरल हे, पर अच्छा इंसान बनना मुश्किल कार्य है लेकिन इंसान बनना जरूरी है जिसके लिए हमें जीने की कला सीखनी होगी। यह बात आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रम में श्रीश्री रविशंकर जी का सानिध्य प्राप्त स्वामी श्री शिव ज्योति ने कही।
ब्ल्यू बर्ड स्कूल के सभागार में आयोजित एक गरिमामय समारोह में स्वामी श्री शिवज्योति ने कहा कि हर व्यक्ति जीवन जी रहा है लेकिन कला के साथ वह जीवन जी नहीं पा रहा है क्योंकि उसके इर्द-गिर्द इतना तनाव है कि वह जीवन जीने की कला ही नहीं सीख पा रहा है। अच्छा इंसान बनने के लिए जीने की कला सीखना जरूरी है। गुरुवार श्री श्री रविशंकर जी यही कला लोगों को सीखा रहे है। श्री शिव ज्योति जी ने कहा कि आज 98 प्रतिशत बीमारियां तनाव के कारण है। हम अपनी उम्र के चालीस वर्ष पैसे कमाने में व्यतीत कर देते है। इस पैसे के लिए शरीर व मन को भी बेच देते है और शेष जीवन डाक्टरों के पास जाकर अपना इलाज कराते रहते है। इसलिए बीमारियों से बचने के लिए तनाव मुक्त होना जरूरी है जिसके लिए सुदर्शन क्रिया का प्रयोग करने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि आगे बढ़ेगे तो तनाव होगा ही लेकिन ध्यान के माध्यम से इसे दूर करना बहुत आसान कार्य है जब तक हम कुछ सीखते नहीं तब तक हमें हर कार्य कठिन लगता है। तैरना नहीं सीखते है तो पानी के पास जाना कठिन लगता है, और साइकल नहीं सीखते है तो सारे रास्ते टेढ़े नजर आते है। लेकिन जिस दिन हम तैरना सीख जाते है तो उस दिन समुद्र ओर नदी में कोई अंतर नजर नहीं आता है और साइकल सीख जाते है तो सारे रास्ते सीधे नजर आने लगते है। उन्होंने कहा कि जब तक दिशाएं तय नहीं होती तब तक मन अशांत और अस्थिर बना रहता है। इसलिए अपनी दिशाएं भी तय करना जरूरी है। स्वामी जी ने कहा कि हमें जिन्दा रहने के लिए चार पेड़ों की आक्सीजन की जरूरत रहती है। लेकिन हम वृक्षों के साथ खिलवाड़ कर रहे है और प्रकृति का नजारा आप सभी के सामने है इसलिए हर व्यक्ति को वृक्ष लगाना चाहिए और इन वृक्षों की सेवा परिवार के सदस्य की भांति करना चाहितए तभी प्रकृति का संतुलन बरकरार रह सकेगा।
इस अवसर पर जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने भी अपने सारगर्भित उद्बोधन में स्वामी जी का स्वागत करते हुए कहा कि मनुष्य को अपना कर्म पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ करना चाहिए और फल की चिन्ता प्रभु पर छोड़ देना चाएि।
इससे पहले स्वामी जी ने मां सरस्वती जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रावलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारींा किया। प्रतिभा संपन्न बाल कलाकार शिरोनी पालीवाल ने मां सरस्वती तथा गुरूवंदना प्रस्तुत की। स्वामी जी का स्वागत जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक राममूर्ति शर्मा, शैलेनद्र सिंह चन्देल, डा. अनिल शर्मा, नरेन्द्र ठाकुर, प्रकाश मोती चन्दानी, पत्रकार प्रदीप चौहान, राजेन्द्र उपाध्याय, श्रीमति बी.के. जायसवाल आदि ने किया।