Sunday, August 31, 2008

खेल दिवस पर मिला थप्पड़ लट्ठ और लातों से इनाम

फुरसत में प्रकाशित खेल विभाग की उदासीनता की खबर से भड़के खेल विभाग के जिम्मेदार, खिलाड़ी मनोज कन्नौजिया से की मारपीट, किया हाल-बेहाल
सीहोर 30 अगस्त (आनन्द भैया) आज स्थानीय दैनिक फुरसत में प्रकाशित समाचार ''सोता रहा खेल विभाग'' को पढ़कर एक शासकिय कर्मचारी इतना आक्रोशित हो गया कि वह अपना आपा ही खो बैठा। उसे लगा कि यह खबर नगर के लोकप्रिय कोच खिलाड़ी मनोज कन्नौजिया द्वारा लगवाई गई है तो उसने सीधे जाकर मनोज कन्नौजिया की दुकान पर उन्हे एक चांटा मार दिया। मनोज कुछ समझ पाते इसके पहले ही यह कर्मचारी सीधे भागकर अपने शासकिय जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में घुस गया। इसके पीछे जब मनोज कन्नौजिया इसके वरिष्ठ अधिकारियों के पास बातचीत करने पहुँचे तो वहाँ नजारा कुछ और ही हो गया। पुलिस अधीक्षक कार्यालय में मनोज अपनी बात रख पाता उसके पूर्व ही उसके साथ पुलिस ने मारपीट करते हुए लट्ठों की बरसात कर दी। मनोज का सिर तो फोड़ा ही गया बल्कि पीठ, पैर और पृष्ठ भाग डंडों की मार से लाल हो गया जिसे बाद में जिला चिकित्सालय में डाक्टरों ने भी देखा। दोनो ही बार पिटे मनोज के खिलाफ पुलिस ने गैर जमानती धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। हालांकि चिकित्सकों ने इन्हे देखते ही गंभीरता के चलते भोपाल स्थानान्तरित कर दिया इनके मस्तिष्क आंख के पास गंभीर चोंट है। आज जिले भर के और सीहोर के सभी खिलाड़ियों में खासा आक्रोश था। बड़ी संख्या में खिलाड़ियों का हुजूम मनोज कन्नौजिया को देखने पहुँचता रहा। रात खबर लिखे जाने तक हमीदिया में मनोज से मिलने बहुत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हैं।
ज्ञातव्य है कि खेल दिवस पर सीहोर जिला खेल विभाग द्वारा कोई विशेष आयोजन नहीं किये जाने तथा लम्बे समय से सीहोर की खेल प्रतिभाओं को उचित प्रशिक्षण के अभाव के साथ ही साथ उन्हे शासन द्वारा उपलब्ध सुविधाओं के बीच में रोक लिये जाने की खबर दैनिक फुरसत ने 30 अगस्त के अंक में पूरी प्रमुखता से लगाई थी। जिसमें यह भी उल्लेखित था कि अभी तक स्कालरशिप भी नहीं बांटी गई है।
आज जैसे ही फुरसत प्रसारित हुआ वैसे ही यहाँ खेल विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कम्प-सा मच गया। आखिर खेल विभाग के खिलाफ यह खबर कैसे लगी ? और विभाग के खिलाफ खबर लगाई क्यों गई ? इन दोनो बातों पर यहाँ नाराजगी थी।
ज्ञातव्य है कि विगत दो वर्ष से खेल विभाग की गतिविधियाँ ? यहाँ आने वाले फं ड और उसके खर्च को लेकर असंतोष सर्व व्याप्त है। इतना ही नहीं खेल विभाग द्वारा स्थानीय खिलाड़ियों को कभी सहयोगात्मक रवैया नहीं होने से भी खेल विभाग से खिलाड़ी दुखी हैं। इस पर यहाँ से कोई कोच भी ऐसा नहीं सामने आया है जो खिलाड़ियों को उचित प्रशिक्षण व मार्गदर्शन दे। जबकि शासन द्वारा एक कोच यहाँ नियुक्त किया गया है। लेकिन खिलाड़ी इससे भी संतुष्ट नहीं हो सके हैं।
ऐसे में आज नगर के वरिष्ठ खिलाड़ी, जिला फुटबाल संघ के प्रमुख सचिव मनोज कन्नौजिया जब अपनी दुकान भोपाली फाटक पर बैठे हुए थे और अखबार पढ़ रहे थे तब एक महिला ने आकर पहले इनसे आज फुरसत में प्रकाशित खबर को लेकर बातचीत की। बमुश्किल जब यह गईं तो इसके बाद खेल विभाग में कार्यरत कोच कमल आर्य इनके पास आये और अचानक इन्हे एक चांटा मार दिया। मनोज कुछ समझ पाते इसके पूर्व ही कमल चला गया। कमल के जाने के बाद मनोज कन्नौजिया सीधे पुलिस अधीक्षक कार्यालय में अपनी बात रखने के लिये वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने और कमल की शिकायत करने पहुँचे, लेकिन यहाँ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में तो नजारा ही दूसरा था।
मनोज कन्नौजिया के अनुसार यहाँ ऐसा लगा जैसे पुलिस पहले से ही उसका इंतजार कर रही थी। मनोज के पहुँचते ही उसके साथ मारपीट शुरु कर दी गई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने उसे चांटे मारे और बाकी ने लट्ठ से मारा। दरवाजे बंद कर दिये गये और कार्यालय के बाहर प्रांगण में ही इतनी पिटाई की गई कि मनोज की पीठ, पृष्ठ भाग व पैर लाल हो गये। मनोज को गंभीर अवस्था में मारपीट करने के बाद एक पुलिस गाड़ी में बैठाकर कोतवाली में छोड़ दिया गया।
यहाँ जब वरिष्ठ खिलाड़ी मनोज कन्नौजिया के साथ हुई घटना की जानकारी नगर भर में फैली तो कोतवाली में भीड़ लगने लगी। मनोज को जिला चिकित्सालय भेजा गया तो यहाँ नेत्र चिकित्सक डॉ. जैन ने तो स्पष्ट लिख दिया कि आंख की जांच भोपाल हमीदिया में कराई जाये क्योंकि उसमें गंभीर चोंट है। सिर में भी चूंकि गंभीर चोंट थी इसलिये मनोज को भोपाल सिटी स्केन व विशेष इलाज के लिये भेजा गया। खबर लिखे जाने तक भोपाल में खिलाड़ी मनोज कन्नौजिया के समर्थकों का हुजूम लगा है। सीहोर में खिलाड़ी आक्रोशित हैं।
भाजपा नेताओं ने भी इस घटना की निंदा की है लेकिन अभी तक किसी की खुलकर सामने आने की स्थिति नहीं बन पाई है। जिला भाजपा महामंत्री रमाकांत समाधिया ने अवश्य फुरसत से चर्चा करते हुए कहा कि घटना निंदनीय है, सरासर गलत है।
मामले में आज पुलिस विभाग द्वारा दोनो पक्षों के खिलाफ धारा 452, 323, 294, 506 के तहत प्रकरण दर्ज कर दोनो ही पक्षों के ऊपर समान रुप से समान धाराओं में मामला बनाया गया है।

मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शन करेंगे खेल संगठन
सीहोर। आज सुबह हुई इस घटना के बाद शहर भर के खेल संगठनों से जुड़े अध्यक्षों व उनके प्रमुख पदाधिकारियों में इस घटना को लेकर काफी रोष था। सुविज्ञ सूत्रों ने फुरसत को आज जानकारी में बताया है कि जन आशीर्वाद रैली को लेकर मुख्यमंत्री जिस दिन सीहोर आयेंगे उस दिन सभी खेल संगठन और शहर के समस्त खिलाड़ी मुख्यमंत्री के समक्ष इस पूरे कृत्य की निंदा करने के साथ प्रदर्शन करेंगे।

नन्ही आंखों से जब आंसू झलक पड़े
सीहोर। घटना के बाद आज जब वरिष्ठ खिलाड़ी मनोज कन्नौजिया को जब प्राथमिक उपचार के लिये जिला चिकित्सालय में भर्ती किया गया इस बात की खबर शहर के खिलाड़ियों को भी धीरे-धीरे पता चलने लगी। वैसे ही शहर के छोटे से लेकर बड़े खिलाड़ी अपने कोच मनोज कन्नौजिया के हाल जानने के लिये अस्पताल में उमड़ने लगे। हालत यह थी कि मनोज कन्नौजिया से खेल मैदान पर ट्रेनिंग लेने वाले शहर की नन्ही खेल प्रतिभाएं अपने कोच पर पुलिस द्वारा किये गये इस अत्याचार को देखकर अपनी आंखो से आंसू नहीं रोक सकी।

एक खिलाड़ी पर टूट पड़े बीस जवान
सीहोर । शहर के वरिष्ठ खिलाड़ी मनोज कन्नौजिया और एसपी आफिस में पदस्थ कुछेक बाबू 15-20 पुलिस के जवानों के बीच झड़प की बात आज जैसे ही बाजार में आना शुरु हुई और शहर के लोगों को धीरे-धीरे यह पता चलने लगा कि मनोज इस झड़प में काफी गंभीर रुप से घायल हो गया है। इस खबर के बाद लोगों ने एक-दूसरे से चर्चाएं करना शुरु कर दी कि मनोज ने आखिर ऐसा कौन-सा गंभीर अपराध किया था...? क्या मनोज आदतन अपराधी है...? जो पुलिस को अपने 15-20 लठेत जवानों के साथ उस टूट पड़ने जैसी नौबत लाना पड़ी। लोगों का कहना था कि मनोज पर तो आज एक भी पुलिसिया प्रकरण दर्ज नहीं है।

ये उपलब्धियाँ हैं मनोज की...
सीहोर। मनोज कन्नौजिया पुत्र श्री फूलचंद जी कन्नौजिया विगत 15 वर्षों से अनवरत फुटबाल की कोचिंग स्थानीय खिलाड़ियों को निशुल्क दे रहे हैं। मनोज वर्तमान में मध्य प्रदेश फुटबाल एसोसियेशन के सहसचिव तो हैं ही बल्कि मध्य प्रदेश फुटबाल संघ चयन समिति के सदस्य भी हैं। आप सीहोर फु टबाल संघ के सचिव भी हैं। मनोज कन्नौजिया विगत 15 वर्षों से जहाँ स्वयं के खर्चे पर कोचिंग दे रहे हैं बल्कि हर वर्ष इनके कुछ खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर खेलकर आते हैं और सीहोर का नाम रोशन करते हैं।


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