Sunday, August 10, 2008

6 हजार से अधिक के रोल नं. नहीं बंटे, आज परीक्षा, भारी गड़बड़ी व्यावसायिक परीक्षा मण्डल ने की ढेर सारी गलतियां, रोल नम्बर गलत छापे

सीहोर 9 अगस्त (नि.सं.)। मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल भोपाल ने ऐसी लापरवाही की है कि बस क्या कहा जाये, हद ही कर दी। कल रविवार को परीक्षाएं हैं आज सुबह मण्डल ने रोल नम्बर जारी किये। करीब 6-7 हजार रोल नम्बर तो बंटे ही नहीं बल्कि सैकड़ो रोल नम्बर में फोटो किसी और का नाम किसी और का था। ऐसे रोल नम्बर पर क्या अभ्यार्थी को प्रवेश कल दिया जायेगा राम जाने।
भारी लापरवाही के बावजूद कल परीक्षा रोकी नहीं जायेगी बल्कि ले ली जायेगी। हजारों बेरोजगारों के साथ कुठाराघात के इस सिलेसिले में न भाजपा न कांग्रेस ना अन्य कोई जनप्रतिनिधि विरोध के स्वर मुखर करता नजर नहीं आ रहा है।
जानकारी के अनुसार रविवार को जिस व्यावसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा परीक्षाओं का आयोजन किया गया है उसने 3 बहुत बड़ी गलतियाँ या संभवत: हरकतें (जो जानबूझकर की जाती हैं) की है। एक तो हजारों की संख्या में बैठ रहे अभ्यार्थियों को पहले सीहोर वालों को सीहोर और आष्टा वालाें को आष्टा का केन्द्र देते थे लेकिन इस बार सीहोर वालों को आष्टा से लेकर बुदनी, नसरुल्लागंज तक भेजा है जिनका पहुँचना इस बरसाती मौसम में दुष्कर रहेगा।
तो डाक पड़ी ही रह गई
दूसरी बड़ी हरकत यह की गई है कि रोल नम्बर आज शनिवार को सीहोर जिला मुख्य डाकघर में पहुँचे। जबकि कल रविवार को तो छुट्टी ही है। आज हजारों की संख्या में पहुँचे रोल नम्बर क्या एक दिन में डाकघर बंटवा सकता था ? और फिर मुख्य डाकघर से ही पूरे जिले में डाक जाती है इस दृष्टि से लगभग 80 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों की डाक आज तो बंटी ही नहीं वहीं अन्य तहसीलों में क्या हुआ समझा जा सकता है। शेष डाक शहरी क्षेत्र की अवश्य बंट गई।
सूत्रों का कहना है कि डाकघर में हजारों की संख्या में रोल नम्बर के लिफाफे रखे हैं जो सोमवार को बटेंगे तब तक देरी हो जायेगी। शहरी क्षेत्र के समझदार व सुविधाओं से लेस अभ्यार्थी तो आसानी से अपने रोल नम्बर इंटरनेट से प्राप्त कर सकते थे और कई लोगों ने अपने रोल नम्बर डाक से प्राप्त नहीं होने के कारण इंटरनेट के माध्यम से निकाल भी लिये लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के अभ्यार्थियों को रोल नम्बर नेट से निकालना संभव नहीं रहा। इस दृष्टि से हजारों अभ्यार्थी बिना रोल नम्बर के परीक्षा कैसे देंगे यह यक्ष प्रश् है। क्या उन्हे प्रवेश दिया जायेगा ? कभी नहीं।
लापरवाही की हद: युवती का नाम और युवक को फोटो
तीसरी हरकत जिसे बहाने बाजी से मण्डल नकार सकता है वह यह है कि बहुत बड़ी संख्या में अभ्यार्थी का नाम कुछ और है और फोटो किसी और का लगाया गया है। रोल नम्बरों पर युवक का नाम और युवती का फोटो लगाये गये हैं। निश्चित ही ऐसे रोल नम्बर वालों को प्रवेश नहीं मिल सकेगा। ऐसे कम से कम फुरसत कार्यालय को 20 से यादा उदाहरण मिले हैं। निश्चित ही ऐसी गड़बड़ी हजारों में की गई होगी। उदाहरण स्वरुप रोल नं. 383007105 पर अली अब्दुल वारिश का नाम और मंजू नामक युवती का फोटो है, रोल नं.3436 पर निधि शर्मा का नाम है और लक्ष्मण नामक युवक का फोटो, 383012483 पर फिरोज बी का नाम और प्रमिला साहू का फोटो है, 383009232 पर श्रिता वर्मा का नाम और रुबीना का फोटो है, 9678 पर नेहा उपाध्याय का नाम और एक युवक का फोटो है। 3438 रोल नम्बर पर नेहा सिसोदिया का नाम और राजेश राय का फोटो है, ऐसे ही अनेकानेक उदाहरण हैं।
परीक्षा मण्डल क्या खाक परीक्षा ले रहा है या आफत टाल रहा है। लेकिन मध्य प्रदेश के गूंगे-बहरे शासन काल में, प्रशासनिक अधिकारियों के सामने दक्ष की स्थिति में खड़े रहने वाला मंत्री मण्डल क्या खाक कार्यवाही करेगा। कांग्रेस, भाजपा और अन्य राजनैतिक दलों व सामाजिक संगठनों को इस संबंध में आवश्यक कदम उठाकर परीक्षा निरस्त कराने के प्रयास करने चाहिये तथा व्यवस्था के दुरुस्तीकरण के लिये आंदोलन किया जाना चाहिये। हजारों बेरोजगारों के जीवन के एक महत्वपूर्ण मौके से उन्हे वंचित रहना पड़ेगा आखिर क्यों? क्या सिर्फ मण्डल की लापरवाही के कारण ?


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