Sunday, July 6, 2008
विधायक के आश्वासन के बावजूद बिना नोटिस 20 झुग्गी तोड़ी, लाठी भांजी
महिलाओं को किया घायल, घर तोड़ सामान नष्ट कर गये
सीहोर 5 जुलाई (नि.सं.)। विगत 4-5 माह से पक्की झुग्गी बनाकर रह रहे 20 परिवारों को आज जिला प्रशासन ने आव देखा ना ताव जानकारी दिये बिना सीधे जाकर मकान तोड़ दिये गये। घर में सो रही महिलाओं को पकड़-खींच बाहर निकाल दिया, महिला पुलिस ने लाठियाँ भांजी एक सिर फोड दिया, दूसरी को ऐसा धक्का दिया कि बेचारी के घुटने में लग गई, बाकी रोती रही और मकान टूटते रहे ना सामान उठाने दिया गया ना सही बात की गई। रही सही कसर तब टूट गई जब कलेक्टर को ज्ञापन देने आई बेघर हुई महिलाओं का आवेदन कलेक्टे्रट में फाड़ दिया गया और विधायक रमेश सक्सेना ने भी 3-4 दिन पूर्व इन्हे आश्वासन दिया था कि जाओ कोई तोड़ फोड़ नहीं होगी, कुछ हो तो मुझे तत्काल सूचना कर देना लेकिन आज विधायक जी ने भी कोई मदद नहीं की है। कुल मिलाकर महिलाएं असहाय इधर उधर भटकती नजर आईं।
बड़ी ग्वालटोली में विगत 2-3 माह से 20 नई झुग्गियों की नई बस्ती अचानक नजर आने लगी थी। यूँ तो झुग्गी वालों का कहना है कि उनका विगत 2 वर्ष से यहाँ कब्जा था, वो लोग पन्नी की झुग्गी में रहती थीं और अब उन्होने धीरे-धीरे इसे पक्का कर लिया है और वो यहीं रहने लगे हैं। लखन का बगीचा के पास ग्वाल टोली स्कूल के पास यह झुग्गी धीरे-धीरे मजबूती से बनने लगी थी।
इधर आज अचानक बिना किसी पूर्व सूचना के जिला प्रशासन यहाँ आ धमका। यूँ तो सुबह 11-12 बजे कुछ महिला पुलिस भी यहाँ पहुँची थी लेकिन दोपहर बार अचानक जेसीबी मशीन झुग्गियों को तोड़ने पहुँच गई। यहाँ करीब 20 झुग्गी थी जिनमें महिलाएं अपने बच्चों के साथ मौजूद थीं। जब जेसीबी झुग्गी तोड़ने को उद्यत हुई तो महिलाओं ने कहा कि हमें 2 घंटे का समय दे दो हम अपना सामान समेट लें लेकिन अचानक पहुँचे प्रशासन ने यहाँ किसी की नहीं सुनी और जेसीबी मशीन चलवा डाली। मशीन सीधे झुग्गियों को तोड़ने लगी और महिला पुलिस घर में घुसी महिलाओं को खींच-खींच कर बाहर निकालने लगीं। महिलाएं घर के अंदर बैठी थीं। इन पर लट्ठ चलाये गये। लट्ठ से जब यह नहीं मानी तो कुछ के साथ मारपीट हुई, एक दो अच्छी चोंट आई, एक महिला कृष्णा बाई बाबुलाल हरिजन जो अपाहिज है के पैर में चोंट आ गई दूसरी शांतिबाई को इतना तेज धक्का दिया कि उसके सिर में चोंट आई सिर फूल गया और इस प्रकार पूरी झुग्गियाँ नष्ट कर दी गई। जेसीबी से चद्दरें दबवाकर उन्हे नष्ट कराने का प्रयास भी किया गया। झुग्गी के सामान को तोड़ा भी गया । और इस प्रकार पूरी झुग्गी बस्ती प्रशासन का बुलडोजर घूम गया। यहाँ घरेलू सामान मशीन से ही दब गया। कुछ की खाद्य सामग्री इस मंहगाई के युग में नष्ट हो गई।
उल्लेखनीय है कि कम से कम मानवीय नियमों के आधार पर इन बस्ती वालों को यदि वह रहने लगे थे तो 3 दिन पहले सूचना दी जानी चाहिये अथवा दो दिन पहले भी सूचना देकर बताया जा सकता था कि किस समय तक झुग्गी हटा ली जाये। यदि ऐसा हो जाता तो निश्चित ही यहाँ झुग्गी का सामान व खाद्य सामग्री नष्ट नहीं होगी ना ही महिलाओं बच्चों के साथ मारपीट की नौबत आती।
इन महिलाओं ने फुरसत को बताया कि हम 3-4 दिन पहले विधायक रमेश सक्सेना जी के पास भी गई थीं। उनसे कहा कि हमारी झुग्गी बनी हुई है, वो कोई तोड़ेगा तो नहीं, 2 साल से हमारा कब्जा है, ऐसी सारी बात बताई थी। महिलाओं के अनुसार इस पर विधायक जी ने उनसे कहा था कि आप लोग निश्चिंत रहे कुछ नहीं होगा, आराम से रहें झुग्गी झोपड़ी वालों को तो हमारी सरकार पट्टा दे रही है उसे तोड़ेंगे नहीं, और यदि कुछ हो तो आप हमें सूचना कर देना, फोन लगा देना, मैं तत्काल उसे रोकूंगा। महिलाओं ने बताया कि जब हमने आज विधायक जी को फोन लगाया तो बस उन्होने उठाया ही नहीं और अभी तक वो नहीं आये हमारी मदद करने।
आज यह महिलाएं जब जिलाधीश को इस संबंधी शिकायत करने के लिये गईं तो यहाँ जिन अधिकारी ने उनसे ज्ञापन लिया उन्होने उनके सामने ही फाड़ दिया और कहा चुपचाप चलती बनो। आज जिलाधीश नहीं मिल पाये। महिलाएं काफी देर तक कलेक्ट्रेट के द्वार पर बैठी रहीं, दुखी रहीं और अंतत: सूर्यास्त होने पर मजबूर होकर अपने टूटे-फूटे घरों और बच्चों को देखने पहुँच गई।
आज इस संबंध में विधायक श्री सक्सेना को लगातार सम्पर्क करने के प्रयास किये गये लेकिन उनसे किसी मोबाइल नम्बर पर सम्पर्क नहीं किया जा सका। मध्य प्रदेश शासन ने इस वर्ष झुग्गी बस्ती वालों को पट्ट देने की घोषणा की है जिसका पूर्व जिलाधीश के कार्यकाल के दौरान गुपचुप सर्वे हो चुका है, अभी उन्ही के कार्यकाल के कुछ अधिकारी सीहोर में शेष भी रह गये हैं, और आज झुग्गी तोड़ दी गई हैं ? क्या इन्हे शासन पट्टे नहीं दिलवाने देना चाहता है भाजपा शासन ही पट्टे देने से बच रहा है ?