सीहोर 4 जून (नि.सं.)। अंतत: अनेकानेक अटकलों के बाद भारत सरकार ने अंधाधुंध बढ़ती मंहगाई से आम भारती मध्यम वर्ग की झुक रही कमर में एक जोरदार झटका मारते हुए उसे तोड़कर रख दिया जब पेट्रोल की कीमत में 5 रुपये, डीजल में 3 रुपये और घरेलू रसोई गैस की कीमत में तो 50 रुपये की आशातीत बढ़ोत्तरी कर दी गई है। आज दिनभर इस बढ़ी हुई मंहगाई को लेकर लोग स्तब्ध से थे। क्या बोले और क्या न बोलें ? कुछ कह नहीं पा रहे हैं। पहले ही मंहगाई की मार से सभी की कमर झुक रही थी, सीहोर जैसे शहर जहाँ कमाई के लिये कोई साधन ही नहीं है वहाँ तो वैसे ही लोग बढ़ती महंगाई के कारण परेशान हैं।
इधर जैसे ही आज दोपहर पेट्रोल और डीजल के साथ रसोई गैस के दामों में वृध्दि के संकेत सामने आये वैसे ही लोग बहुत फुर्ती के साथ प्रयास करने लगे की वह गैस की टंकी जो खाली घर में रखी है वह भरवा लें लेकिन जब वह गैस एजेंसियों पर गये तो पता चला कि वहाँ तो पहले ही टंकियाँ खत्म होने की जानकारी दी जा रही है। कुछ ने स्टाक कम कर दिया तो कुछ ने बंद ही कर दी। कुछ आनाकानी करते रहे और कुल मिलाकर आज टंकियाँ दिनभर नहीं मिली और ले देकर शाम 5 बजा दी गई। इसके बाद लोगों का रुख पेट्रोल पंपों की और हुआ तो वहाँ भी पेट्रोल पंप वाले चाहते थे कि किसी तरह आज ग्राहक को नहीं दिया जाये ताकि बचा हुआ स्टाक का मूल्य बढ़ी मात्रा में मिल सके। कई पेट्रोल पंपों पर भारी मात्रा में पेट्रोल व डीजल का स्टाक होते हुए भी वहाँ पेट्रोल डीजल नहीं दिया जा रहा था। शाम 7 से 9 बजे के बीच तो तरह-तरह के बहाने इन पेट्रोल पंपों पर लगाये जा रहे थे। विशेषकर डीजल देने में यहाँ आनाकानी की जा रही थी क्योंकि बड़ी संख्या में ग्रामीणजन व अन्य वाहन मालिक यहाँ अपने वाहन में डीजल भरवाने आ गये थे लेकिन डीजल की उपलब्धता कम बताई जाकर पेट्रोल पंप वाले पेट्रोल डीजल देने से बचते रहे। ऐसे में मंत्री पेट्रोल पंप पर देर रात 12 बजे तक देखने में आया भारी भीड़ थी। यहाँ के संचालक विनोद मंत्री ने मात्र 2 हजार लीटर पेट्रोल होने के कारण किसी भी तरह भोपाल से 4 हजार लीटर पेट्रोल और बुलवाया और रात 12 बजे तक अपने ग्राहकों को खुलकर पुराने मूल्य पर ही पेट्रोल वितरित किया।