Saturday, May 31, 2008

बैंक कर्मी शिवनानी को सात दिनों में फैसला कर सुनाई सजा

आष्टा 30 मई (नि.प्र.)। स्टेट बैंक जावर शाखा के बैंककर्मी आसन दास शिवनानी आ. जेठानंद शिवनानी जो अनेक वर्षो से जावर में पदस्थ थे उन्होंने ग्राम के अनेक लोगों का विश्वास अर्जित कर उनसे व्यवसायिक पारिवारिक व अच्छे संबंध बनाये तथा लाखों रूपया उधार लेकर भुगतान के दायित्व में जावर क्षैत्र के अनेक लोगों को रुपया उधार प्राप्त कर अदायगी के दायित्व में अपने खाते के चैक जारी किये व चैको का अनादरण होने पर अनेक परिवादियों द्वारा न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी आष्टा सुधीर चौधरी के न्यायालय में लगभग 15-20 परिवाद पत्र धारा 138 परक्राम्य लिखत अधिनियम के तहत प्रस्तुत किये गये थे । जिसमें परिवादी शाहिद अली आ. साजिद अली निवासी जावर से भी आसनदास ने 7,50,000रुपये विभिन्न दिनांक उधार प्राप्त किये थे, व उक्त राशि की अदायगी के दायित्व में आरोपी द्वारा चैक विभिन्न दिनांकों में भुगतान में जारी किये थे, जिन्हें परिवादी ने नगदीकरण कराने के लिए भारतीय स्टेट बैंक जावर में जमा कराये जहां आरोपी के खाते में पर्याप्त निधि न होने से चारों चैक अनादृत किये गये। तत्पश्चात परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से आरोपी को विधि अनुसार चैक की राशि की मांग करते हुए सूचना पत्र जारी किये जिनका निर्वहन होने पर भी आसनदास शिवनानी ने राशि का भुगतान परिवादी को नही किया । इस कारण फरियादी ने आरोपी के विरूद्व परिवाद परक्राम्य लिखित अधिनियम की धारा 138 के अपराध के चार परिवाद पत्र प्रकरण क्रमांक 762 08 से 765 08 के अपने अधिवक्ता नगीन जैन एडवोकेट आष्टा के माध्यम से न्यायालय में पेश कराये, उक्त चारों प्रकरण में आरोपी न्यायिक अभिरक्षा में रहते हुए दिनांक 210508 को अपने अधिवक्ता सहित उपस्थित हुआ । जिसमें मा. न्यायिक दण्डाधिकारी सुधीर चौधरी ने प्रसंज्ञान लेते हुए मात्र 7 दिवस में चारों प्रकरण में परिवादी की साक्ष्य आदि लेने के पश्चात पक्ष विपक्ष के दिनांक 270508 का तर्क श्रवण कर परिवादी अभिभाषक नगीन जैन एडवोकेट के तर्क व उनके द्वारा प्रस्तुत न्याय दृष्टांत से सहमत होते हुए आरोपी आसनदास को दिनांक 280508 को निर्णय पारित करते हुए चारों प्रकरण में दो-दो वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो-दो हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया था इस प्रकार मा. विद्वान न्यायाधीश द्वारा परिवादी के विरूद्व उक्त प्रकरणों में संपूर्ण सुनवाई पूर्ण कर मात्र 7 दिवस में निर्णय साक्ष्य का सूक्ष्म विवेचन करते हुए एवं फरियादी के अभिभाषक नगीन जैन एडवोकेट की दलील व उनके द्वारा प्रस्तुत न्याय दृष्टांतो से सहमत होते हुए मात्र सात दिनों में आरोपी को दोषी पाकर दण्डित किया । फरियादी पक्ष की और से पैरवी वरिष्ठ अभिभाषक नगीन चंद जैन एडवोकेट एवं उनके सहयोगी अभिभाषक नरेन्द्र धाकड़ एडवोकेट ने की । ज्ञात रहे कि अभियुक्त आसनदास शिवनानी को पूर्व में 12 प्रकरणों में भी सिद्ध दोष ठहराया जा चुका है ।