Thursday, May 1, 2008

वो 10 हजार की दिलाई राशि में से एहसान के नाम पर आधे मांग रहा

आष्टा 30 अप्रैल (नि.प्र.)। इन दिनो आष्टा क्षेत्र में एक पार्षद के पुत्र द्वारा एक गरीब परिवार को उसके परिवार में उसके पिता की मृत्यु के बाद राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना के अन्तर्गत आष्टा नगर पालिका द्वारा दी गई। 10 हजार की राशि में से 5 हजार रुपये मांगे जाने की चर्चा गर्मागर्मा है। क्या कोई जन प्रतिनिधि या उसका पुत्र इतना नीचे भी गिर सकता है कि वो अपने ही उस मतदाता परिवार के सदस्य से जिसके मत से आज उसके परिवार के एक सदस्य को जन प्रतिनिधि होने का गौरव प्राप्त हुआ है वो ही जन प्रतिनिधि का पुत्र उसी मतदाता से जबकि उसे दुख की घड़ी में उसके साथ खड़ा होना चाहिये ऐसा ना कर उसे मिलने वाली सहायता में से भी रिश्वत के नाम पर राशि मांग करना चाहिये क्या ? इस जनप्रतिनिधि के पुत्र का स्तर इतना नीचे भी गिर सकता है किसी ने सोचा भी नहीं होगा। लेकिन यह सही है। आष्टा नगर पालिका क्षेत्र में रहने वाले एक परिवार के सदस्यों के सिर से उस परिवार के मुखिया (पिता) का साया उठ गया। ऐसे परिवारों को सरकार की और से राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना के अन्तर्गत आश्रितों को 10 हजार रुपये दिये जाते हैं। उक्त परिवार को उसके वार्ड पार्षद की अनुशंसा पर नगर पालिका ने उक्त प्रकरण स्वीकृत कर 10 हजार की राशि प्रदान की जैसे ही उक्त दुखी परिवार को चेक मिला पार्षद के पुत्र की लार टपकना प्रारंभ हो गई और वो उक्त परिवार से 10 हजार के बदले 5 हजार देने की मांग करने लगा। इस कलयुगी पुत्र का स्तर इतना ही नहीं गिरा मांगी गई 5 हजार की राशि नहीं देने पर परिवार के सदस्या को पिटवाने तक की धमकी दे रहा है। बताओ ऐसे जनप्रतिनिधि के पुत्र को क्या कहें। ऐसा नहीं है उक्त पुत्र इसके पहले भी अपने ही वार्ड के गरीब लोगों के गरीबी के राशन कार्ड बनवाने के नाम पर प्रत्येक राशन कार्ड पर 100 से 500 रुपये तक वसूल करने के मामले में चर्चा में रहा था.....अब इनके लिये क्या कहें।