आष्टा 9 मार्च (फुरसत)। आज श्री नेमिनाथ श्वेताम्बर जैन मंदिर में भगवान नेमिनाथ जी की प्रतिष्ठा एवं अंजनशलाका के आठवे दिन आज प्रात: मंदिरजी में देवीपूजन पूज्य आचार्य देवश्री अजितसेन सू.म.सा., आचार्य देवश्री विजय नयवर्धन सू.म.सा., पन्यास प्रवर श्री हर्षतिलक विजयजी म.सा. की उपस्थिति में सम्पन्न हुई। इसके बाद प्रात: 9 बजे किला मंदिरजी से भगवान की दीक्षा का विशाल ऐतिहासिक वरघोड़ा प्रारम्भ हुआ। वरघोड़े में सबसे आगे सुसज्जित रथ में इन्द्र-इन्द्राणी इन्द्रध्वज के साथ आगे-आगे चल रहे थे। उसके पीछे हाथी, घोड़े, बग्गी, वर्धमान जैन नवयुवक मंडल का बैण्ड, दर्शनलोक कलामंडल उज्जैन के कलाकार आदिवासी नृत्य करते हुये, अहमदाबाद का मिलन बैण्ड, किला, गंज, स्थानक की महिला मण्डल, बहूमण्डल किला एवं गंज, बालिका मण्डल की सदस्यायें, युवा संघ के सदस्य अपनी-अपनी निर्धारित वेशभूषा धारण किये चल रहे थे। आज अहमदाबाद का मिलन बैण्ड, आष्टा का आजाद बैण्ड, भजन मण्डली भगवान के सुमधुर भजन गाते चल रहे थे। वहीं आज जब भगवान नेमप्रभु राजुल से विवाह के लिये पहुंचे तो उनके कानो में जैसे ही पशुओ का न्दन सुनाया, तब उन्होंनें कृष्ण से पूछा कि यह न्दन कैसा। तब उन्होनें बताया कि इन्हें किस लिये रोका गया है और उन्हें क्यों लाया गया है। जैसे ही नेम प्रभु ने सुना कि उनके कारण इन मूक पशुओ की मृत्यु होने वाली है। बस उसके तत्काल बाद उन्होनेंे शादी से इंकार कर दीक्षा का निर्णय ले लिया । उक्त झांकी आष्टा के कलाकार शेषनारायण मुकाती एवं श्री राम बजरंग मण्डल के युवा कलाकारो द्वारा बनाकर वरघोड़े में शामिल की गई थी। दीक्षा कल्याणक का विशाल वरघोड़ा किला मंदिरजी से प्रारंभ हुआ जो पुराना बस स्टेण्ड, अस्पताल रोड, परदेसीपुरा, बुधवारा, गल चौराहा, कन्नौद रोड, दादावाडी, अदालत रोड, सुभाष चौराहा, गांधी चौक, बडा बाजार, भवानी चौक होता हुआ। पुन: किला मंदिरजी पहुंचा। किला मंदिर जी पर भगवान की दीक्षा की उजवणी का बडा ही मार्मिक दृश्य कार्यम समपन्न हुआ। जिसमें भगवान नें किस प्रकार दीक्षा ग्रहण की उसका पूरा कार्यम समपन्न हुआ। भगवान की दीक्षा ग्रहण के प्रसंग देखकर उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं के नेत्रो से अश्रु बह निकले। किला मंदिरजी पर आज पूजन वरघोड़ा नवकारसी स्वामी वात्सल्य के लाभार्थी परिवार राजमल छगनमल संचेती आष्टा रतन चंद रूपा जी चौहान, मुम्बई, प्रेमकुमार सिंगी आष्टा, पारसमल सिंघवी आष्टा, पंकजभाई झवेरी मुम्बई का बहुमान अनोखीलाल, द्वारकाप्रसाद खण्डेलवाल परिवार, राजमल छगनमल संचेती परिवार ने बोली का लाभ लेकर लाभार्थी परिवार का बहुमान किया। आज प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के लिये मध्यप्रदेश शासन द्वारा नियुक्त किये प्रभारी मंत्री श्री पारसजी जैन (स्कूली शिक्षा राज्य मंत्री) पूरे समय वरघोड़े में शामिल रहे। वरघोड़े का समापन किला मंदिर पर मंत्री श्री पारसजी जैन, पूर्व मंत्री श्री सज्जन सिंह जी वर्मा, राज्य सभा सांसद श्री नारायण सिंह केसरी, क्षेत्र के विधायक रघुनाथ सिंह मालवीय, जिला कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश परमार, भाजपा जिला अध्यक्ष श्री ललित नागौरी का प्रतिष्ठा महोत्सव समिति की ओर से पंकजभाई झवेरी, अहमदाबाद के समाज सेवी श्री सी.के. राव ने सम्मान कर सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किये। इस अवसर पर क्षेत्र के विधायक श्री रंजीतसिंह गुणवान समाजसेवी राजाराम बडेभाई सीहोर, इंजीनियर गोपालसिंह भोपाल, हिन्दू जागरण मंच के अनोखीलाल खण्डेलवाल, भाजपा नगर अध्यक्ष संतोष झंवर , बाबूलाल जैन नेताजी, विशेष रूप से उपस्थित थे। सम्मान समारोह का संचालन लोकेन्द्र बनवट ने किया। आज नगर में निकले भव्य ऐतिहासिक वरघोड़े में भगवान के माता-पिता बने श्री नीलेशभाई उर्वशी बेन मेहता, मुम्बई सुसज्जित रथ में भगवान को लेकर बैठे थे तथा पूरे वरघोड़े में हजारो रूपयो का वर्षीदान किया गया। जिसे लूटने के लिये पूरे वरघोड़े में भीड़ उमडी। आज नगर में निकले दीक्षा कल्याणक के वरघोड़े का मुस्लिम विकास मंच , मेवाडा समाज, पारख परिवार, पाटीदार समाज, स्वर्णकार समाज, खत्री परिवार, भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ, ओशोमित्र मंडल, खंडेलवाल परिवार, भाजयुमो जिला एवं नगर भाजपा, जांग़डा समाज , किराना,कपडा, सराफा व्यापारी संघ , मानस सम्मेलन समिति, हिन्दू उत्सव समिति, प्रभु प्रेमी संघ, मोहर्रम कमेटी काजीपुरा, पांचम परिवार, इंजी. गोपाल सिंह फैन्स क्लब, दाउदी बोहरा समाज, अनाज तिलहन व्यापारी संघ, केमिस्ट एसोसियेशन सहित अनेको नागरिको संगठनो ने वरघोड़े का स्थान - स्थान पर मंच बनाकर स्वागत सम्मान किया। सभी मंचो पर प्रतिष्ठान महोत्सव समिति के पदाधिकारियो का साफा बांधकर सम्मान किया गया। किला मंदिर पर प्रतिष्ठा परिशिष्ट आष्टा दर्पण का संपादक प्रकाश पोरवाल द्वारा अतिथियो से विमोचन कराया। वरघोड़ा किला मंदिर जी पहुंचा उसके बाद पूज्य आचार्य श्री नयनवर्धन सू.म.सा., पन्यास प्रवर हर्षतिलक विजय जी म.सा. की उपस्थिति में दीक्षा कल्याणक की भव्य उजवणी का कार्यम व अन्य धार्मिक कार्यम समपन्न हुये। आज प्रतिष्ठा महोत्सव में हजारो जैन-अजैन श्रावक-श्राविकायें शामिल थे। आज आष्टा में जो ऐतिहासिक वरघोड़ा निकला उसे आष्टा के इतिहास में अभी तक का सबसे विशाल वरघोड़ा माना जा रहा है। आज निकले विशाल वरघोड़े में पूरे नगर में स्थान-स्थान चौराहे-चौराहे पर पिण्डवाडा के युवा कलाकार अलकेशभाई वरघोड़े में आगे-आगे आकर्षक सुन्दर रंगोली बनाते हुये चल रहे थे। वरघोड़े में आचार्य श्री साधुजी, साध्वीजी, श्रावक-श्राविकायें शामिल थे। प्रतिष्ठा महोत्सव समिति ने आष्टा नगर के सभी नागरिको संगठनो का नगर में निकल वरघोड़े का स्वागत एवं सहयोग के प्रति आभार व्यक्त किया। 10 मार्च को मंदिरजी में प्रात: नूतन जिनबिंबो का प्रथम दर्शन केवलज्ञान कल्याणक की उजवणी, निर्वाणक कल्याणक के 108 अभिषेक एवं शुभ मूहर्त में प्रतिष्ठा का श्रेष्ठतम विधान विजय मूहूर्त में प्रभावशाली श्री वृहद् अष्टोत्तरी शांति स्नात्र पूजन आदि के कार्यम समपन्न होगें।