Sunday, February 17, 2008

भाई की हत्या के आरोपीगण भाई एवं भतीजे को आजीवन कारावास

आष्टा 16 फरवरी (फुरसत)। न्यायालय श्री राजेश श्रीवास्तव द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक कोर्ट आष्टा द्वारा प्र.क्रं.13907 म.प्र.राय वि.गंगाराम आदि में आरोपीगण गंगाराम पुत्र मोतीलाल एवं उसके पुत्र विजेन्द्र कुमार निवासी ग्राम धरमपुरी थाना सिध्दिकगंज तह.आष्टा को निर्णय पारित करते हुए धारा 30234 भादसं. के आरोप में आजीवन कारावास सश्रम एवं 10-10 हजार रुपये के अर्थदण्ड से एवं धारा 32334 भादसं. के अन्तर्गत 6-6 माह के सश्रम कारावास एवं धारा 506 (2) भादसं के अंतर्गत दोनो को एक-एक वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया। अभियोजन के अनुसार संक्षिप्त घटना इस प्रकार है कि घटना 16 जून 07 को दिन के लगभग 12 बजे जब मृतक भागीरथ ग्राम धरमपुरी में अपने पर था तो उक्त आरोपी गंगाराम कुल्हाड़ी एवं विजेन्द्र लाठी लिये गाली देते हुए आये। मृतक भागीरथ द्वारा मना करने पर आरोपी गंगाराम ने कुल्हाड़ी से विजेन्द्र व मनोज ने जान से मारने की नियत से लठ से मारना शुरु कर दिया। मृत भागीरथ ने भागना चाहा तो तीनों ने उसे रोक दिया। मृतक भागीरथ की पत्नि पायलबाई बचाने आई तो आरोपी गंगाराम ने उसे भी लठ से पीठ में मारकर चोंट पहुँचाई। मारपीट के बाद आरोपीगण यह धमकी देकर गये कि आज तो बच गया आईंदा जान से खत्म कर देंगे। मृतक भागीरथ द्वारा थाना सिध्दिकगंज में रिपोर्ट दर्ज कराई तत्पश्चात सिध्दिकगंज पुलिस द्वारा अस्पताल में मेडिकल परीक्षण उपरांत उसे आष्टा अस्पताल रेफर किया गया जहाँ उसकी चोटों के कारण मृत्यु हो गई। उल्लेखनीय है कि मृतक भागीरथ गंगाराम आरोपी का भाई एवं विजेन्द्र का सगा चाचा था तथा एक साधारण से भूमि के विवाद को लेकर इस प्रकार दिन दहाड़े हत्या की गई थी।अभियोजन पक्ष की और से कुल 14 साक्षी अपने समर्थन में प्रस्तुत किये जबकि बचाव पक्ष की और से मृतक की माता एवं अन्य साक्षी के कथन माननीय न्यायालय में कराये गये। विद्वान न्यायाधीश महोदय द्वारा प्रकरण में आई साक्ष्य का गंभीर अवलोकन कर अभियोजन पक्ष द्वारा उक्त आरोपीगण को दोष सिध्द पाते हुए दंडित किये जाने का निर्णय पारित किया। साथ ही अर्थदण्ड की राशि में से मृतक की विधवा को प्रतिकर राशि के रुप में 15 हजार रुपये दिये जाने का भी आदेश निर्णय में दिया। प्रकरण में म.प्र.शासन की और से अतिरिक्त लोक अभियोजक बी.एस. ठाकुर अतिरिक्त लोक अभियोजक आष्टा द्वारा पैरवी की गई। fursat sehore