Thursday, January 3, 2008

तुम गोविन्द को याद करो गोविन्द तुम पर दया करेगा - गोविन्द जाने

आष्टा 1 जनवरी (फुरसत)। सब भगवान के सामने जाते है और कहते है हे भगवान मुझ पर दया करना लेकिन याद रखो भगवान ऐसे ही दया नही करता है दया शब्द को पहले उल्टा करो तो वो याद हो जावेगा बस तुम गोविन्द को याद करो वो तुम पर दया करेगा आज व्यक्ति के पास गोविन्द को याद करने का समय नही है ओर उससे दया करने की रट लगाये रहते है। जब उसे याद करोगे तो वो बिना किये दया करेगा।
उक्त उद्गार खंडेलवाल प्रांगण में आज से सात दिवसीय भागवत कथा के प्रथम दिन पूज्य संत पंडित विनोद नागर गोविन्द जाने ने हजारों नर-नारी की उपस्थिती में अपने श्री मुख से कहे। गोविन्द जाने ने कहा कि मिलन में उतना आनंद नही जितना आनंद इंतजार में होता है। इस मन को श्री राम जी के चरणों में इतना लगा दो कि वो मन दिवाना वावला हो जाये आज 2008 को प्रथम दिन है यह वर्ष आप सभी के लिये मंगलमय होगा। पांच संकल्प ले पूरे वर्ष कोई अनहोनी घटना नही घटेगी। उन्होंने कहा आप कृष्ण का ध्यान करों गोविन्द आपका ध्यान रखेगा। उन्होंने कहा कि आप के पास जो कु छ है अगर वो सब चला जाये तो गम मत करना बस याद रखना कृष्ण तुम्हारे पास होना चाहिये अगर कृष्ण तुम्हारे पास है तो जो गया वो सब वापस आ जायेगा। उन्होंने कहा कि एक तृष्णा है और और एक कृष्णा है तृष्णा की बात पर मौत है वही कृष्णा की बात पर मोक्ष है। आज पति-पत्नि साथ-साथ एक ही मोटर सायकल पर बैठ कर ससुराल तो चले जाते है। इसमें शर्म नही आती है लेकिन अगर उन्हें कहे कि साथ साथ दोनो मंदिर जाओं तो उन्हें मंदिर साथ जाने में शर्म आती है। उन्होंने तुलसी के सामने, भगवान के सामने, दीया लगाने की बात कही उन्होंने कहा कि आप दीया लगाओं वो दिया करेगा। पांडाल में बैठे सैकड़ो नर-नारी को उन्होंने कहा कि आप सभी बडे भाग्यशाली है क्योंकि आप गोविन्द जाने के पांडाल में बैठे है गोविन्द को सुन रहे है। जबकि इसी समय कई लोग ऐसे भी है कि वे या तो विस्तर पर होगे, जेल में होगे, अदालत में कटघरे में होगे, अस्पताल में भर्ती होगे। उन्होने परिक्रमा का क्या अर्थ है के बारे में बताया कि एक फेरे वो है जो आप शादी में अपनी पत्नि के साथ लेते है एक फेरे यह है जो आप हरि से आत्मा के फेरे के लिए लेते है। आत्मा वही प्रसन्न होती है जहां हरि भजन, हरी कथा होती है। आज गोविन्द जाने ने उन लोगों को सीख दी जो दूसरे की मजबूरी, गरीबी, अंधेपन, या उसकी मजबूरी पर हंसते है और ताली बजाते है उन्होंने कहा जो दूसरो की मजबूरी पर ताली बजाते है उन्हें लकवा हो जाता है । और वो ताली बजाने लायक नही रहते है। किसी की हंसी उड़ाई तो खुद की हंसी उड़ जायेगी। याद रखना ऐसे कार्य करों की जिसके जीवन में दुख-पीड़ा हो उसके जीवन में हंसी लौट आये। आज उन्होंने कहा कि ये जो 100 का नोट है ये बड़ा दगाबाज है केवल गोपाल ही अपना है। इसलिए नोट को नही नारायण को याद करो। गोविन्द जाने ने कहा कि आपके संगे संबंधी सब श्मशान तक के साथी है फिर भी आप उनसे रिश्ता रखते हो जबकि गोविन्द श्मशान के बाद को साथी है उससे रिश्तेदारी नही करते हो। उससे आंख बंद कर रिश्ता कर लो जीवन संबर जायेगा।
आज कथा का प्रथम दिन था प्रात: संत जी गोविन्द जाने का नगर आगमन हुआ उन्हें भक्तजन इंदौर नाके से अगवानी करके आदर्श कालोनी ले गये।
दोपहर में मुख्य जिजवान दिलिप मेवाड़ा एवं सुशील सोनी ने भागवत पूजन किया। इस अवसर पर आज कथा में प्रथम दिन विधानसभा के उपाध्यक्ष हजारीलाल रघुवंशी, बीज निगम के उपाध्यक्ष रणवीर सिंह रावत, हिन्दूृ जागरण मंच के प्रांतीय सह संयोजक अनोखीलाल खंडेलवाल, विधायक रघुनाथ नाथ मालवीय, पूर्व विधायक रंजीतसिंह गुणवान, इंजीनियर गोपालसिंह, सहकारी नेता देवीसिंह परमार, बापूलाल मालवीय, कैलाश टेलर, कृपालसिंह ठाकूर, सहित अनेको जन उपस्थित थे। गोविन्द जाने समिति के अध्यक्ष विजय खंडेलवाल, गोपी सेठी, जगदीश चौहान, विनोद नागर, सुशील जैन, महेन्द्र तलवारा सहित अनेको जनों ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। आज प्रथम दिन भागवत कथा सुनने सैकड़ों की तादात में नर-नारी ग्राम-ग्राम से आष्टा पहुंचे और पांडाल छोटा पड़ गया। बैठक व्यवस्था बाद में और बढ़ाई गई । कार्यक्रम का संचालन प्रकाश पारेवाल ने किया।