** एक 100 किलो के सुअर में 38-40 किलो निकलती है चर्बी
** बदिया बकरा जो 22 किलो के आसपास हो तो उसमें 4 किलो निकलती है चर्बी, 50 किलो का बकरा करीब 10 किलो चर्बी देता है।
** भैंस-पाड़े की चर्बी सर्वाधिक निकलती है, मरी भैंस भी 5 किलो चर्बी देती है।
** मुर्रा भैंस में 13 से 15 किलो निकलती है चर्बी।
** लाखो जानवर हर दिन कटते हैं और कई लाख लीटर चर्बी निकलती हैं आखिर उसका क्या होता है उसका ? सोचिये
क्योंकि शायद यही चर्बी आप भी हर दिन खा रहे हैं...
चर्बी का मतलब तेल
अरे भाई मक्खन देखा है आपने या फिर घी देखा होगा, हाँ ठीक वैसी ही चर्बी होती है, थोड़ा रुप-रंग अलग होता है लेकिन सुअर-पाड़े,बकरे के शरीर से निकलने वाली चर्बी का एक टुकड़ा काटकर जैसे ही गर्म तवे पर रखते हैं वह मक्खन या जमे हुए घी की तरह पिघलकर तेल में बदल जाता है.....एक बार मक्खन थोड़ी देर से पिघलेगा लेकिन चर्बी तो गर्म करते ही पिघल जाती है।
अब सोच लीजिये कितना आसान है चर्बी का तेल बनाना.... और क्या-क्या होता होगा इसका.. मतलब चर्बी का...., खूब सोचिये.. टालिये मत....यह आपकी संस्कृति, धर्म का सवाल है......।
विदेशों में तो यह भी बनता है
.
हमारा ईपता - fursatma@gmail.com यदि आप कुछ कहना चाहे तो यहां अपना पत्र भेजें ।