सीहोर 1 फरवरी (विशेष सं. फुरसत)। रविन्द्र सांस्कृतिक भवन के पास स्थित पानी के स्टापडेम नाले की भव्य योजना जिसे किसी जमाने में शकर कारखाने में प्रारंभ किया गया था और भगवानपुरा तालाब से तकीपुर बंधान तक पानी और फिर इस बंधान से सीहोर तक पानी लाने की योजना विद्यमान थी जिसे पूर्ववर्ती अपनी विशेष कार्यप्रणाली से चर्चित रहीं जिलाधीश श्रीमति स्मिता चन्द्रा गाटे ने रुचि लेकर नया रुप दिया था अब आगामी सप्ताह भर कहीं पूरी तरह खत्म न हो जाये। इस महती योजना को यह व्यवस्थित कर दिया जाये तो निश्चित रुप से आगामी वर्षों में जब कलेक्टर कार्यालय भोपाल राजमार्ग पर बस डिपो के पास बन जायेगा, और वहाँ अनेक नये निवास, कालोनियाँ बनेगी तब इस क्षेत्र की भूमि में पानी रिचार्जिंग के लिये तकीपुर की यह योजना वापस जीवित करना बहुत टेढ़ी खीर हो जायेगा ? क्योंकि नया वायपास मार्ग चौड़ीकरण कार्य युध्द स्तर पर जारी है जिसके चलते भविष्य में तकीपुर से आई पाईप लाईन मिट्टी में दबकर रह जायेगी। अपने कार्यकाल में नया कलेक्ट्रेट भवन बनवाने वाले जिलाधीश राघवेन्द्र सिंह को भविष्य की भी चिंता कर लेने की आवश्यकता है....।
उल्लेखनीय है कि आज से कुछेक वर्ष पूर्व ही यहाँ रविन्द्र सांस्कृतिक भवन टाउन हाल के पास स्थित नहर जिसमें स्टापडेम भी बना हुआ है को लेकर जाग्रति आई थी। तत्कालीन जिलाधीश श्रीमति स्मिता गाटे चन्द्रा ने इस मामले में रुचि लेते हुए यहाँ बने पुल तक पानी भराने की योजना का क्रियान्वयन शुरु किया था और इस पुल के लिये लोहे के द्वार भी बनना तय थे। आसपास जेसीबी मशीन से खुदाई कर यहाँ यादा से यादा पानी भरा सके इसकी व्यवस्था कराई गई थी।
साथ ही एक रिचार्जिंग बोर भी लगवाया था जिससे पानी रिचार्ज होकर जमीन में बैठ सके। यहाँ तक पानी लाने के लिये भगवान पुरा तालाब से तकीपुर बंधान तक पानी लाने की व्यवस्था को दुरुस्त करते हुए तकीपुर बंधान पर कई वर्षों बाद लोहे के दरबार लगवाये गये थे जिससे यहाँ के ग्रामीणजन काफी खुश हो गये थे और इस ग्राम में पानी की समस्या ही हल हो गई थी। इसी बंधान से छूटकर पानी सीहोर तक लाने के लिये कारखाने द्वारा डाली गई पाईप लाईन का उपयोग किया गया था। तब वायपास मार्ग बनने पर पाईप लाईन लाना मुश्किल हो रहा था तो तत्कालीन जिलाधीश ने अपने विशेष प्रभाव का उपयोग करते हुए मार्ग कार्य के दौरान ही पहले पाईप लाईन डलवाई थी फिर सड़क बनने दी गई थी आज भी वह मोटी पाईप लाईन व्यवस्थित रुप से सड़क में मौजूद है इसके आगे नहर खुदवाकर पानी सीहोर तक लाया गया था।
इस योजना को समझते हुए लोकप्रिय विधायक रमेश सक्सेना ने भी इस मामले में रुचि दिखाई थी। उन्होने सीवन नदी में अंग्रेज सैनिकों छावनी के लिये जिस जगह पर अंग्रेजों ने नदी को गहरा कर नदी में दीवार खड़ी की थी वहाँ से पानी की नई पाईप लाईन डलवाकर पुन: यहाँ रविन्द्र सांस्कृतिक भवन तक लाये थे। ताकि यहाँ पानी भरा रहे और यही पानी आगे बढ़कर इंग्लिशपुरा मार्ग पर बने पुल में लोहे के दरबार लगवाकर वहाँ तक भरा गया था। ताकि इंग्लिशपुरा क्षेत्र में रहने वाले लोगों के नलकूप आदि रिचार्ज होते रहें।
उल्लेखनीय है कि अब बस डिपो क्षेत्र से लेकर भोपाल नाका तक तथा सैकड़ाखेड़ी मार्ग पर भी अंदर ही अंदर बहुत तेजी से विकास हो रहा है और यहाँ लगातार नये-नये भवन और कार्यालय बन रहे हैं। कलेक्टर कार्यालय जिस समय यहाँ प्रारंभ हो जायेगा तब से तो निश्चित ही यहाँ और भी बहुत अधिक विकास शुरु हो जायेगा। ऐसे में इस क्षेत्र की भूमि में पानी की रिचार्जिंग की महती आवश्यकता रहेगी। वैसे ही अभी यहाँ के बोर सूखे जाते हैं तो उस स्थिति में कहीं यादा समस्या बढ़ेगी।
इस दृष्टि से तकीपुर बंधान से लेकर सीहोर तक आई नहर से पानी लाना जहाँ सीवन नदी में हस्तक्षेप को रोकेगा वहीं ऊपर से आ रहे पानी के कारण यह क्षेत्र यादा अच्छी तरह रिचार्ज होगा। लेकिन वायपास मार्ग पर बन रही चार लाईन सड़क के चलते नहर की जो पाईप लाईन सड़क के नीचे से लाई गई थी वह दबने की स्थिति में आ गई। नई सड़क बनते समय यह दब जायेगी। नई सड़क आगामी सप्ताह भर में यहाँ भी बन जायेगी और सड़क के नीचे ही पाईप लाईन दब कर रह जायेगी। अभी इस पाईप लाईन का उपयोग तो नहीं हो रहा लेकिन लाखों रुपये की एक योजना मात्र 3 पाईप यहाँ वापस लगा दिये जाने से जहाँ जीवित रह जायेगी वहीं पाईप लाईन का उपयोग भी होता रहेगा। वर्तमान में एक किसान अपनी विद्युत की डोरी इस पाईप लाईन से सड़क के दूसरी और ले गया ।
शहर के चहुँमुखी विकास की सारी संभावनाएं जहाँ ध्वस्त होती नजर आ रही है ऐसी स्थिति में राजनेताओं, समाजसेवी संस्थाओं, भाजपा-कांग्रेस नेताओं को इन छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देकर नगर के भविष्य की चिंता करने की आवश्यकता है।