आष्टा 31 मई (नि.प्र.)। गत दिवस आष्टा सिविल अस्पताल की रोगी कल्याण समिति की बैठक एसडीएम जी.व्ही.रश्मि की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में रोकस ने जो निर्णय लिये गये उसमें एक निर्णय यह लिया गया कि अस्पताल के पीछले हिस्से के सभी गेट सुरक्षा की दृष्टि से बंद किये जायेगे । जिसने भी उक्त निर्णय के बारे में सुना पढ़ा समिति के सदस्यों की सोच पर हंसा और उक्त निर्णय को तुगल की निर्णय बताया ।
रोकस ने जो निर्णय लिया क्या वास्तव में पीछले गेट बंद करने से आष्टा का सिविल अस्पताल सुरक्षित हो जायेगा । इस निर्णय के पहले के अस्पताल में आसामाजिक तत्वों की गतिविधियों एवं अस्पताल में होने वाले विवादों के बाद एसडीएम के निर्देश पर 24 घंटे अस्पताल में एक सैनिक की नियुक्ति की गई लेकिन उक्त नियुक्ति के बाद अस्पताल मे आज भी हाथापाई हो रही है।
गत दिवस तो अस्पताल के आईसीयू वार्ड से इन्वेटर की बैटरी चोरी हो गई जब सैनिक की नियुक्ति के बाद भी मारपीट और चौरी हो सकती है तो गेट बंद करने से क्या ग्यारण्टी है कि अस्पताल सुरक्षित रहेगा । असल में सुरक्षा की दृष्टि तो एक बहाना है इस निर्णय के पीछे अस्पताल के डाक्टरों की गुटबाजी, कमीशन बाजी की आड़ में रोकस को गलत जानकारी देकर गलत निर्णय कराया गया है । अस्पताल के पीछले गेट एवं रेन्ज के सामने बने गेट से ही मरीजों का आना जाना डाक्टरों एवं स्टाफ का आना जाना रहता है । यह रास्ते इन सभी के लिए सुविधा जनक माने जाते है । वर्षो से ये रास्ते चालु है आखिर क्यों इन सब रास्तों को बंद कराने में कुछ लोग तुले है । एसडीएम आष्टा को कारणों की गहराई में जाना चाहिये ताकि इसके पीछे छुपे चेहरे और कारण उजागर हो सके, पीछले दिनों रेन्ज के सामने वाला गेट बंद करने को लेकर जमकर विवाद हो चुका है। अब अगर नया निर्णय अमल में लाया जाता है तो विरोध के स्वर निश्चित मुखर होगें।