सीहोर 20 मई (नि.सं.)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गरीबों दीन दुखियों और आम जनता की तकलीफों को दूर करने के लिए सरकार कार्य कर रही है । समाज के सभी वर्गों की भलाई सरकार का लक्ष्य है ।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज सीहोर जिले की बुधनी तहसील के ग्राम कुसुमखेड़ा में आयोजित लोक कल्याण शिविर को संबोधित कर रहे थे । इस अवसर पर उन्होने लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत 6 बालिकाओं को राष्ट्रीय बचत पत्र प्रदान किए और किसानाें को भू-अधिकार गण पुस्तिकाओं का भी वितरण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कुसुमखेड़ा-ठीकरी रोड तथा नर्मदा तट पर घाट निर्माण एवं माध्यमिक शाला खोलने की मंजूरी प्रदान की । इस मौके पर वेयर हाउसिंग कारर्पोरेशन के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राजपूत, मार्कफेड के अध्यक्ष रमाकांत भार्गव मौजूद थे।
लोक कल्याण शिविर को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आम जनता की तकलीफों दूर करने के लिए सरकार सेवा भावना से कार्य कर रही है । उन्होंने सरकार की लाड़ली लक्ष्मी योजना का जि करते हुए कहा कि लाडली लक्ष्मी योजना के तहत मध्यप्रदेश की धरती पर जन्म लेने वाली बिटिया को वयस्क होने पर एक लाख 18 हजार रुपये मिलेंगे। उन्होंने कहा कि गरीबी को मैंने काफी नजदीकी से देखा है । गरीब की थाली खाली न रहे उसे भरपेट भोजन मिलें इसके लिए मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना प्रारंभ कर गरीबों को सस्ती दर पर गेहूं चावल उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गरीब, किसान और आम आदमी की जरुरतों के मुताबिक योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार की नीयत और नीति बिल्कुल साफ है यही वजह है कि प्रदेशवासियों को जनहितेषी योजनाओं का लाभ मिल रहा है और प्रदेश विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होने प्रदेश को देश का अग्रणी प्रदेश बनाने का संकल्प दोहराते हुए कहा कि प्रदेश के विकास में कोई कमी बाकी नहीं रखी जायगी । इस अवसर पर बुधनी नगर पंचायत अध्यक्ष आजाद सिंह राजपूत, सलकनपुर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महेश उपाध्याय, वीर सिंह चौहान, लक्ष्मीनारायण पटेल सहित क्षेत्र के जनप्रतिनिधि मौजूद थे। लोक कल्याण शिविर में जन समस्याओं का निदान किया गया। शिविर में कलेक्टर श्री राघवेन्द्र कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक डा. राजेन्द्र प्रसाद, जिला पंचायत सीईओ श्री अरूण कुमार तोमर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे ।