सीहोर 5 मार्च (फुरसत)। जिला उपभोक्ता फोरम ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में आवेदक ओंकार प्रसाद आ. गौरीशंकर शर्मा निवासी साईबाबा मंदिर के पास गंज सीहोर को अनावेदक विद्युत वितरण कंपनी से 27.07.07 को दिया गया बिल 13,438 रुपये का निरस्त कर मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 5000रुपये दिलाये जाने के एंव 1000-रुपये परिवाद व्यय दिलाये जाने के आदेश पारित किये ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आवेदक को अनावेदक द्वारा दिनांक 27.07.07 को 13,438-रुपये का बिल दिया था जिसमें परिवादी के पुत्र पर बकाया राशि जो उसके पुत्र ने विद्युत मण्डल को अदा नही की थी । 12,737- रुपये भी सम्मिलित थी दिया था परिवादी आवेदक ने विद्युत मण्डल से कहा कि उसका पुत्र 12 वर्षो से उससे अलग रह रहा है उसके पुत्र की बकाया रात्रि मुझसे वसूलने के अधिकारी नही है ।
परंतु अनावेदक विद्युत वितरण कंपनी परिवादी की बात नही मानी और कहा कि आपसे ही राशि वसूली जायेगी दुखी होकर आवेदक परिवादी ने अपने अधिवक्ता जी.डी.बैरागी से सलाह लेकर मा. फोरम के आवेदन प्रस्तुत किया। अनावेदक की ओर से अधिवक्ता ने उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत किया ।
जिला उपभोक्ता फोरम के विद्वान अध्यक्ष ए.के.तिवारी सदस्य अम्बादत्त भारती सदस्या श्रीमति शकुन विजयवर्गीय ने दोनो अधिवक्ताओं के तर्क श्रवण कर एवं रिर्काड का अवलोकन कर दिवादित बिल रुपये 13438 का निरस्त कर 5000- रु. क्षतिपूर्ति हर्जाना स्वरूप दिलाने एवं 1000रुपये परिवाद व्यय दिलाये जाने के आदेश पारित किये । आवेदक की और से प्रकरण में पैरवी अधिवक्ता जी.डी.बैरागी ने की ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आवेदक को अनावेदक द्वारा दिनांक 27.07.07 को 13,438-रुपये का बिल दिया था जिसमें परिवादी के पुत्र पर बकाया राशि जो उसके पुत्र ने विद्युत मण्डल को अदा नही की थी । 12,737- रुपये भी सम्मिलित थी दिया था परिवादी आवेदक ने विद्युत मण्डल से कहा कि उसका पुत्र 12 वर्षो से उससे अलग रह रहा है उसके पुत्र की बकाया रात्रि मुझसे वसूलने के अधिकारी नही है ।
परंतु अनावेदक विद्युत वितरण कंपनी परिवादी की बात नही मानी और कहा कि आपसे ही राशि वसूली जायेगी दुखी होकर आवेदक परिवादी ने अपने अधिवक्ता जी.डी.बैरागी से सलाह लेकर मा. फोरम के आवेदन प्रस्तुत किया। अनावेदक की ओर से अधिवक्ता ने उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत किया ।
जिला उपभोक्ता फोरम के विद्वान अध्यक्ष ए.के.तिवारी सदस्य अम्बादत्त भारती सदस्या श्रीमति शकुन विजयवर्गीय ने दोनो अधिवक्ताओं के तर्क श्रवण कर एवं रिर्काड का अवलोकन कर दिवादित बिल रुपये 13438 का निरस्त कर 5000- रु. क्षतिपूर्ति हर्जाना स्वरूप दिलाने एवं 1000रुपये परिवाद व्यय दिलाये जाने के आदेश पारित किये । आवेदक की और से प्रकरण में पैरवी अधिवक्ता जी.डी.बैरागी ने की ।