Monday, January 7, 2008

बहु की हत्या के मामले में सास, ससुर पति को आजन्म कारावास की सजा

सीहोर 5 जनवरी (फुरसत)। विद्वान सत्र न्यायाधीश श्री एम.ए. सिध्दिकी साहब ने थाना अहमदपुर के अपराध क्रमांक 1212007 में आरोपीगण राजकुमार पुत्र बलराम, बलराम पुत्र खूबचंद गौर तथा श्रीमति धीपूबाई पत्नि बलराम गौर सभी निवासी ग्राम मानपुरा थाना अहमदपुर जिला सीहोर को दहेज की हत्या का दोषी पाकर भारतीय दण्ड विधान की धारा 498-ए एवं 30434 में आजन्म कारावास की सजा से दंडित कर निर्णय सुनाया है। मामले की पैरवी म.प्र.राय की और से श्री ओ.पी.मिश्रा लोक अभियोजक ने की।
अभियोजन की गाथा संक्षिप्त में इस प्रकार रही कि 17 अगस्त 2007 की भागीरथ गौर पुत्र हरिप्रसाद गौर निवासी ग्राम कचनारिया की सूचना जिसमें उसकी पुत्री राम दुलारी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत को दहेज हत्या का परिणाम बतलाया के आधार पर उसके पति राजकुमार, बलराम तथा श्रीमति धीपूबाई के विरुध्द भारतीय दण्ड विधान की धारा 498ए, 304 बी, 302(34) का अपराध क्रं. 12107 पंजीबध्द किया गया तथा विवेचना के पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया।
प्रकरण उपार्पित होकर माननीय सत्र न्यायालय को प्राप्त हुआ। उसके बाद अभियोजन ने गवाह प्रस्तुत किये। बचाव पक्ष ने 2 गवाहों को पेश किया। विद्वान सत्र न्यायाधीश श्री सिध्दिकी ने दोनो पक्षों को सुना तथा प्रकरण की समस्त परिस्थितियों पर विचार कर मामला सिध्द दोष पाते हुए धारा 498ए एवं धारा 30234 भादवि में आरोपीगण पति, सास व ससुर को आजन्म कारावास की सजा का फैसला सुनाया जो 40 पृष्ठ का होकर विद्वान न्यायाधीश श्री सिध्दिकी साहब ने लिखा की आरोपीगण ने हत्या कर दहेज प्रताड़ना का अपराध किया है। अभियोजन की और से पैरवी करते हुए श्री ओ.पी.मिश्रा ने अभियोजन का पक्ष रखा। सभी आरोपी गण को आजीवन कारावास का दंड भुगतने के लिये जेल भेजा गया।