Wednesday, January 21, 2009

कविता पीड़ा की बेटी होती है : शिव कुमार अर्चन, सुकवि जनार्दन की 31 वीं पुण्य तिथि पर काव्यांजलि निशा

सीहोर () साठोत्‍तरी हिंदी कविता के यशस्वी कवि पंडित जनार्दन शर्मा की 31 वीं पुण्यतिथि पर स्थानीय सिंधी कालोनी स्थित ब्‍ल्यू बर्ड स्कूल के सभागार में काव्यांजलि निशा का आयोजन किया गया । इस काव्यांजलि आयोजन में दूरदर्शन केन्द्र भोपाल के उपनिदेशक श्री मनीष गौतम मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय विधायक श्री रमेश सक्सेना ने की । इस आयोजन में देश के प्रतिष्ठित गीतकार श्री शिव कुमार जी अर्चन, आंचलिक पत्रकार संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शंकरलाल साबू, साहित्यकार श्री संजय कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे ।

कार्यक्रम का शुभारंभ सभी अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर तथा दीप प्र+ावलित करके किया । नन्हीं गायिका शिरोनी पालीवाल ने मां सरस्वती तथा गंगा की स्तुति सस्वर प्रस्तुत की । इसके पश्चात आयोजक संस्था प्रज्ञा भारती के अध्यक्ष जयंत शाह ने सभी अतिथियों का पुष्प गु%छ भेंट करके स्वागत किया । आयोजन के सूत्रधार जिले के वरिष्ठ पत्रकार श्री अम्बाद?ा भारतीय ने अपने उद्बोधन में कहा कि जनार्दन शर्मा की स्मृति में होने वाला ये आयोजन अब किसी व्यक्ति की स्मृति में होने वाला आयोजन न होकर एक शहर की पहचान हो गया है । उन्होंने पंडित जनार्दन शर्मा के व्यक्तित्व तथा कृतित्व पर भी प्रकाश डाला । यूसूफ परवो ने जनार्दन शर्मा की मशहूर ंगाल हम नहीं डरते किसी से का सस्वर पाठ किया । आयोजन के प्रथम सत्र में श्रीमती चंद्रकांता कुइया स्मृति न्यास द्वारा हर वर्ष प्रदान किया जाने वाला संभागीय जनार्दन सम्मान सिरोंज जिला विदिशा निवासी शायर जनाब ंफरमान जियाई को प्रदान किया गया । श्री जियाई का परिचय पत्रकार प्रदीप चौहान ने प्रस्तुत किया । जिला स्तरीय जनार्दन शर्मा स्मृति पुरूस्कार जिले के प्रतिष्ठित व्यंग्यकार श्री सुभाष चौहान को प्रदान किया गया । श्री चौहान का परिचय साहित्यकार पंकज सुबीर ने प्रस्तुत किया । अतिथियों ने दोनो साहित्यकारों को शाल, श्रीफल, सम्मान पत्र तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान प्रदान किया । साहित्यकार संजय कुमार ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि सीहोर में कविता को संस्कार दिये जाते हैं ये कविता की संस्कारधानी है, उन्होंने सीहोर तथा पंडित जनार्दन शर्मा पर लिखी अपनी कविता जनार्दन यदि तुम होते का पाठ किया जिसे श्रोताओं ने खूब पसंद किया । इस अवसर पर बोलते हुए देश के सुप्रसिध्द गीतकार शिवकुमार अर्चन ने कहा कि मैं इस कार्यक्रम में पहली बार आया हूं पर यहां आकर मुझे लगा कि मैं इस कार्यक्रम में पहले क्यों नहीं आया । उन्होंने कहा कि सीहोर ने कविता को हमेशा ही मान दिया है । कविता को परिभाषित करते हुए उन्होंने कहा कि कविता पीड़ा की बेटी है । वो जन जन की पीड़ा से उपजती है । चूंकि उसमें जन की पीड़ा होती है इसीलिये वो जन के पक्ष में खड़ी होती है । श्री अर्चन ने अपना प्रसिध्द गीत कोई तरस रहा अंधियारे को कोई सूरज बांधे सोता है ऐसा भी होता है ऐसा भी होता है तथा गलों का पाठ किया । इस अवसर पर बोलते हुए दूरदर्शन केन्द्र के उपनिदेशक श्री मनीष गौतम ने कहा कि सीहोर में आने पर यहां कि मिट्टी से साहित्य की सुगंध आती है । सीहोर में साहित्य के प्रति जो अनुराग दिखाई देता है वो आज की तारीख में बिरले ही शहरों में नजर आता है । उन्होंने कहा कि सीहोर का ये एक आयोजन ही इस शहर के लोगों की संवेदनशीलता का परिचायक है । ये अद्भुत बात है कि एक शहर इकतीस सालों से एक कवि की स्मृति को जीवित रखे हुए है । विधायक रमेश सक्सेना ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि सीहोर में उन्नीस जनवरी अब एक ऐसी तारीख बन गई है जो हर साहित्यकार को याद रहती है । उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन में आने से आत्मिक सुख मिलता है । दूसरे दौर में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें दोनों सम्मानित कवियों के साथ कुछ आमंत्रित कवियों श्री संतोष सागर, श्री हबीब नादां तथा श्री सुलेमान आगर ने भी काव्य पाठ किया । आयोजक संस्था प्रज्ञा भारती की ओर से सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किये गये । अंत में आभार प्रज्ञाा भारती के अध्यक्ष जयंत शाह ने व्यक्त किया । कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार वसंत दासवानी ने किया । कार्यक्रम देर रात तक चलता रहा इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शहर के साहित्यकार, पत्रकार, तथा गणमान्य नागरिक गण उपस्थित थे ।.
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