Saturday, February 16, 2008

शासन ने कोटवारों को साईकिल वितरण कार्यक्रम रस्म अदायगी की तरह किया

आष्टा 15 फरवरी (फुरसत)। स्‍थानीय प्रशासन लगता है सरकार की अच्छी मंशा और उनकी घोषणाओं को पतीला लगाने में कहीं से भी पीछे नहीं रह रहे हैं आज स्थानीय प्रशासन ने मुख्यमंत्री द्वारा कोटवारों की पंचायत में की गई ऐतिहासिक घोषणा के पूरे होने पर एक कार्यक्रम आयोजित कर आष्टा तहसील के सभी 298 कोटवारों (चौकीदारों) को आमंत्रित कर उन्हे साईकिलों का समारोह पूर्वक वितरण करना था, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने उक्त पूरा कार्यक्रम रस्म अदायगी की तरह करके इतिश्री कर ली।
ऐसा ही स्थानीय प्रशासन ने 26 जनवरी को किया था जब म.प्र. सरकार की घोषणा के अनुरुप समारोह आयोजित कर किसानों को नई भू-अधिकार ऋण पुस्तिका का वितरण करना था लेकिन जहाँ पर ध्वजारोहण हो रहा था वहीं पर आष्टा नगर के 4-5 किसानों को बुलवा लिया और उन्हे उक्त अधिकार पुस्तिका बांट कर इतिश्री कर ली। आखिर स्थानीय प्रशासन को ऐसी क्या परेशानी थी कि आज रस्म अदायगी की तरह तहसील में चंद गिनती के कोटवारों को बुलवा कर उन्हे साईकिल वितरण कर दी। आष्टा तहसील में लगभग 298 कोटवार हैं आज उन सभी को आमंत्रित करके एक समारोह आयोजित कर सभी कोटवारों को मुख्यमंत्री की घोषणा एवं चौकीदारों की मांग पर म.प्र.के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब प्रदेश के प्रथम नागरिक ने प्रशासन के निचले स्तर के सबसे अंतिम कर्मचारी चौकीदारों को अपने निवास पर बुलवाया और उनसे उनकी सुनी। उसी पंचायत में कोटवारों ने मुख्यमंत्री के सामने मांग रखी थी कि उन्हे आने-जाने में काफी परेशानी होती है। इसी मांग पर मुख्यमंत्री जी ने पंचायत में घोषणा की थी कि सरकार सभी चौकीदारों को साईकिल देगी और उक्त घोषणा पूरी हुई लेकिन स्थानीय प्रशासन ने आज उक्त घोषणा की रस्म अदायगी की तरह निपटा दिया। आज केवल 50-60 कोटवार ही कार्यक्रम में उपस्थित थे। उन्हे विधायक रघुनाथ सिंह मालवीय एवं जिला अध्यक्ष ललित नागौरी, संतोष झंवर, मुकेश बड़जात्या, कुमेर सिंह भाटी, एसडीएम जी.व्ही.रश्मि की उपस्थिति में रस्मी तौर पर साइकिलें वितरित कर दी। आखिर उक्त कार्यक्रम को वृहद स्तर पर स्थानीय प्रशासन ने क्यों आयोजित नहीं किया ? क्या कारण थे कि 298 चौकीदार उपस्थित नहीं हुए क्या उन्हे सूचना दी भी गई थी कि वहीं नगर के स्थानीय जनप्रतिनिधियों को क्यों सूचना नहीं दी गई। यह सब ऐसे प्रश् हैं जो स्थानीय प्रशासन को कटघरे में खड़े करते हैं वहीं वरिष्ठ अधिकारी चाहे तो जबाव-तलब भी कर सकते है। 26 जनवरी को जिन 4-5 किसानों को भू अधिकार ऋण पुस्तिका वितरण कर प्रशासन ने उक्त कार्यक्रम की भी जो रस्म अदायगी की थी उसके बाद शेष किसानों को उक्त ऋण पुस्तिका का अभी तक क्यों वितरण नहीं हुआ क्योंकि स्थानीय प्रशासन ने अभी तक प्रेस को किसी भी प्रकार की जानकारी आदि देना मुनासिफ नहीं समझा है। sehore fursat